बोकारो: स्टील प्लांट दामोदर नदी के पानी को प्रदूषित कर रहा है. प्लांट से निकलने वाला केमिकल का मिश्रित पानी दामोदर नदी के जलीय जीव जंतु के लिए ही नहीं, बल्कि पशु पक्षियों के लिए भी जहरीला साबित हो रहा है.
बोकारो स्टील प्लांट का निर्माण वर्ष 1965 में शुरू हुआ था. प्लांट से जैसे ही उत्पादन शुरू हुआ प्रदूषण का प्रभाव आस-पास के गांव पर पड़ने लगा. प्लांट के चार नंबर गेट के पास से एक खुला नाला दामोदर नदी में जाकर मिलता है. इसी नाले के माध्यम से केमिकल युक्त पानी दामोदर नदी में सालों से जा रहा है, जिसका कुप्रभाव चीताही, कुंडोरी, वेदमारा, और आगरडी सहित कई गांव के ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.
नदी में नहाने वालों को हो रहा चर्म रोग
ग्रामीणों की मानें तो नदी में नहाने वाले लोगों को चर्म रोग हो रहा है, बावजूद इसके प्लांट प्रबंधन ने केमिकल मिश्रित पानी को दामोदर में जाने से रोकने के लिए कभी कोई कदम नहीं उठाया है. ग्रामीणों ने बताया बोकारो स्टील प्लांट का निर्माण काल से ही केमिकल मिश्रित पानी दामोदर नदी में मिल रहा है. प्लांट के आसपास के कई गांव के ग्रामीण की दिनचर्या दामोदर नदी पर निर्भर है, नदी का पानी इस्तेमाल करने वाले लोग को चर्म रोग हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस पानी को पीने वाले पशु पक्षी की मौत हो जा रही है.
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प्लांट प्रबंधन लापरवाह
ग्रामीणों का कहना है कई बार प्लांट प्रबंधन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया है, लेकिन प्लांट प्रबंधन ने इस गंभीर समस्या की ओर कभी ध्यान नहीं दिया, जिसका खामियाजा मनुष्य ही नहीं, पशु पक्षी और जलीय जीव जंतु को भी उठाना पड़ रहा है.