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बोकारो में सरकारी जमीन की हेराफेरी! प्रभारी वनपाल और डीएफओ के आवेदन पर भी नहीं हो रहा मामला दर्ज

Land scam in bokaro. बोकारो में सरकारी जमीन की हेराफेरी पर कार्रवाई की मांग वन प्रमंडल बोकारो के प्रभारी वनपाल रुद्र प्रताप सिंह के द्वारा की गयी है. इसके बावजूद अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 5, 2023, 4:12 PM IST

Updated : Dec 5, 2023, 5:32 PM IST

Crime Demand for action on misappropriation of government land in Bokaro
बोकारो में सरकारी जमीन की हेराफेरी पर कार्रवाई की मांग

बोकारो में सरकारी जमीन की हेराफेरी! जानकारी देते डीएफओ

बोकारोः जिला में चास अंचल के तेतुलिया मौजा में वन एवं सरकारी भूमि को गलत तरीके से हड़पने के प्रयास के मामला सामने आया है. जिसमें वन प्रमंडल बोकारो के प्रभारी वनपाल रुद्र प्रताप सिंह ने 31 अक्टूबर को सेक्टर 12 थाना प्रभारी को प्राथमिक दर्ज करने के लिए आवेदन दिया.

इस मामले में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, शैलेश कुमार सिंह, हल्का कर्मचारी रंगनाथ सिंह, बोकारो स्टील के डीजीएम जेएन सिंह, वरीय प्रबंधक सचिन्द्र प्रसाद पांडेय, सत्येन्द्र सत्यार्थी, माधव प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन उप महाप्रबंधक आरबी सिंह सहित अन्य पर हेराफेरी कर वन भूमि पर कब्जा करने और बेचने का आरोप लगाया है. वनपाल रुद्रप्रताप सिंह ने सेक्टर- 12 थाना प्रभारी के नाम से दिए गए पत्र में कहा गया है कि तेतुलिया मौजा की सरकारी व वनभूमि को इजहार हुसैन व अन्य ने फर्जी दस्तावेज बनाकर 95 एकड़ 65 डिसमिल जमीन को हड़प लिया. अब उसे बेच रहे हैं.

वहीं इस मामले में डीएफओ रजनीश कुमार ने बताया कि मामला दर्ज करने के लिए कानूनी प्रक्रिया की गई है. यह फर्जी कागज बनाकर वन भूमि को बेचे जाने का मामला है. बोकारो वन प्रमंडल की वन भूमि को इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने जाली दस्तावेज तैयार कर हड़प लिया है.

बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी को लिखा पत्रः इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के डीजीपी को आवेदन देने के बाद अब ये मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने बोकारो पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि बोकारो के तेतुलिया मौजा में वन एवं सरकारी भूमि को गलत तरीके से हड़पने के प्रयास के मामले में बोकारो वन प्रमंडल के प्रभारी वनपाल रुद्र प्रताप सिंह ने 31 अक्टूबर को सेक्टर 12 थाना प्रभारी को प्राथमिक दर्ज करने के लिए आवेदन दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने 14 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दोबारा पत्र दिया. इसके बावजूद मामला दर्ज नहीं हुआ.

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि पुलिस की कार्रवाई संदेहास्पद प्रतीत होती है. मुकदमा दर्ज किए बिना ही अनुसंधान पदाधिकारी ने बिना वन विभाग का पक्ष जाने, जांच रिपोर्ट जमा कर दी. बीएसएल के अधिकारियों ने भूमि को अधिग्रहित बताते हुए जांच रिपोर्ट में अपना मंतव्य दिया है. झारखंड में जिस प्रकार से अभी जमीन घोटालों से जुड़े कई सनसनीखेज मामले सामने आए हैं, संभव है इतने बड़े जमीन घोटाले के तार भी कई रसूखदार, सफेदपोशों से जुड़े हों. इस संबंध में जिला वन पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन के आलोक में एफआइआर दर्ज किया जाना आवश्यक है.

स्थानीय लोगों ने भी की कार्रवाई की मांगः स्थानीय लोगों ने भी सरकार से इस पर कार्रवाई की मांग की है. लोगों का भी कहना है कि यह जमीन पूरी तरह से वन विभाग की है. इसी को देखते हुए कोऑपरेटिव का निर्माण भी कराया गया था ताकि लोगों को शुद्ध हवा मिल सके और स्वास्थ्य भी ठीक रह सके.

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Last Updated : Dec 5, 2023, 5:32 PM IST

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