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बोकारो में इंगोट मोल्ड फाउंड्री के ठेका मजदूरों का विरोध प्रदर्शन, काम नहीं मिलने से हैं परेशान - बोकारो स्टील प्लांट के इंगोट मोल्ड फाउंड्री के ठेका मजदूरों ने जताया विरोध

कोरोना काल में लोगों के पास रोजगार का संकट बढ़ता जा रहा है. इस विपरीत परिस्थिति में जिन लोगों के पास काम है, वे भी अब बेरोजगार हो रहे हैं. बोकारो स्टील प्लांट के इंगोट मोल्ड फाउंड्री के ठेका मजदूरों के पास अब रोजगार का संकट गहरा गया है. कंपनी बीते 2 महीनों से इन मजदूरों को काम पर नहीं बुला रही है. इसे लेकर बुधवार को ठेका मजदूरों ने कंपनी के खिलाफ बोकारो सेक्टर-4 में विरोध प्रदर्शन किया.

Contract workers of Bokaro Steel Plant protest against company
Contract workers of Bokaro Steel Plant protest against company

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Published : Aug 13, 2020, 3:58 PM IST

बोकारो:स्टील प्लांट के इंगोट मोल्ड फाउंड्री के ठेका मजदूरों को पिछले दो महीनों से काम पर नहीं बुलाया जा रहा है. कंपनी की ओर से काम नहीं दिए जाने और मजदूरों को बैठा दिए जाने का विरोध गुरुवार को इंगोट मोल्ड फाउंड्री के ठेका मजदूरों ने किया है.

दरअसल, स्टील प्लांट के इंगोट मोल्ड फाउंड्री विभाग के सभी कार्य ठेका मजदूरों से कराया जाता है, लेकिन बीते 15 जून से 55 मजदूरों को काम से बैठा दिया गया है. इसे लेकर प्रबंधन की ओर से कहा गया था कि 3 दिन के अंदर रिपीट आर्डर ले लिया जाएगा, लेकिन लगभग 2 महीने से मजदूरों को काम पर वापस नहीं बुलाया गया है और सभी बिना काम के बैठे हैं. ऐसे में एसएमएस-1 के आधुनिकरण के बाद भी इंगोट मोल्ड फाउंड्री के सभी ठेका मजदूरों की आवश्यकता है, लेकिन उन मजदूरों को काम पर नहीं लिए जाने का विरोध में इंगोट मोल्ड फाउंड्री के खिलाफ ठेका मजदूरों ने बोकारो के गांधी चौक स्थित सेक्टर-4 में विरोध प्रदर्शन किया.

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इस प्रदर्शन में बोकारो इस्पात कामगार यूनियन, एटक के बैनर तले ठेका मजदूर आंदोलनरत हैं. यूनियन के महामंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा कि इंगोट मोल्ड फाउंड्री के कुशल ठेका मजदूर 20 वर्षों से भी अधिक बहुत ही सुरक्षित ढंग से कंपनी का काम करते आ रहे हैं. बीते कुछ सालों में यहां के मजदूरों को काम से बैठा दिया जा रहा है. कॉन्ट्रैक्ट के वॉल्यूम में कमी कर दी जाती है, इसके बाद बीच में कॉन्ट्रैक्ट वॉल्यूम बढ़ा दिया जाता है और नए मजदूरों रखने की साजिश होती है. जिस तरह से कोविड-19 काल में जहां एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार मजदूरों के नौकरी को बचाने में लगी है. वहीं दूसरी तरफ बीएसएल के कार्यरत ठेका मजदूरों को काम रहते हुए काम से बैठाया जा रहा है. इसका विरोध संगठन हमेशा करता रहेगा.

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