बोकारोः जिले की गोमिया थाना पुलिस ने हत्या के मामले का खुलासा किया है. साथ ही पुलिस ने हत्या में शामिल आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस संबंध में गोमिया के पुलिस निरीक्षक महेश प्रसाद सिंह ने तेनुघाट पुलिस निरीक्षक कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से जानकारी दी.
पत्नी ने थाना में दिया था आवेदनः पुलिस इंस्पेक्टर महेश प्रसाद सिंह ने बताया कि महुआटांड़ थाना क्षेत्र निवासी मझली देवी नामक महिला ने अपने पति जीतलाल मांझी के गुमशुदा के संबंध में लिखित आवेदन दिया था. जिसमें उसने उल्लेख किया था कि 7 जनवरी 2024 को सोहराय पर्व मनाने के क्रम में रात्रि में उसके पति गुम हो गए हैं. परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला.
कुएं में मिला था जीतलाल का गमछाः 10 जनवरी 2024 को गांव के समीप सरना कुआं में जीत लाल मांझी का गमछा पाया गया. उसके आधार पर मझली देवी ने अपने पति की हत्या की आशंका जताते हुए 11 जनवरी 2024 को गांव के अनिल किस्कू, कैला मांझी, सीताराम मांझी, लक्ष्मण किस्कू, सुलेन्द्र किस्कू सभी फुटकाडीह बाजारटांड़ निवासी के विरुद्ध आवेदन दिया था.
गमछा से गला दबाकर की गई थी हत्याः महिला के दिए गए आवेदन पर पुलिस टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ की. इस क्रम में सुलेन्द्र किस्कू ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि 7 जनवरी 2024 को करीब 9:30 बजे रात्रि जीतलाल मांझी को घसीटते हुए भोला किस्कू के अरहर बाड़ी में ले गया था. अपने साथ साथी सुभाष किस्कू को भी ले गया था. इसके बाद दोनों ने मिलकर जीतलाल मांझी के गमछे से ही उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद लक्ष्मण किस्कू को बुलाकर जीतलाल के शव को पास के ही सरना स्थल के कुआं में फेंक दिया. उस दिन घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी अपने-अपने घर चले गए थे.
पकड़े जाने के डर से शव को अलग-अलग स्थानों में छुपाते रहेः इसके बाद पकड़े जाने के डर से तीनों ने मिलकर 9 जनवरी 2024 को जीतलाल मांझी के शव को रात्रि में कुएं से निकाला और शव को छुपाने की नीयत से गांव के जंगल होरो दहरा के एक गड्ढे में डाल दिया. इसके बाद भी आरोपियों को पकड़े जाने का डर सता रहा था. इस कारण पुनः फिर 10 जनवरी 2024 को तीनों आरोपियों ने शव को गड्ढे से बाहर निकाला और साइकिल से ले जाकर रजरप्पा के सिदिरका खदान में बड़े-बड़े पत्थर बांधकर डाल दिया था.