बोकारो:सहारा के अभिकर्ताओं ने सोमवार उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर जमा राशि भुगतान कराने की मांग की है. हाथों में तख्तियां लेकर सभी अभिकर्ता जुलूस निकाल कर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और जल्द से जल्द जमा राशि के भुगतान की मांग की. अभिकर्ताओं ने उपायुक्त के माध्यम से सरकार से गरीबों की जमा राशि का भुगतान जल्द से जल्द कराने की मांग की है. उनका कहना है कि सरकार मामले को गंभीरता से लें और हस्तक्षेप कर निवेशकों की राशि वापस कराने का काम करें. अभिकर्ताओं ने कहा कि हमने सहारा में करोड़ों रुपए जमा कराए हैं. आज पैसा वापस नहीं होने पर निवेशक हमें खोज रहे हैं. हम अब पैसे कहां से दें. मामले में केंद्र सरकार कोई पहल नहीं कर रही है. सहारा के निवेशक छोटे लोग हैं, जिन्होंने अपनी जमा पूंजी निवेश की थी.
Protest In Bokaro: सहारा इंडिया समूह के अभिकर्ताओं ने बोकारो में किया प्रदर्शन, सरकार और प्रशासन से निवेशकों की जमा पूंजी वापस दिलाने की मांग - झारखंड न्यूज
सहार इंडिया समूह के खिलाफ अभिकर्ताओं ने बोकारो में जुलूस निकाला. इस दौरान सहारा के सभी अभिकर्ता जुलूस की शक्ल में उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और प्रशासन और सरकार से निवेशकों का पैसा वापस कराने के लिए पहल करने की मांग की.
सेबी के पास जमा राशि से निवेशकों को भुगतान करने की मांगःइस दौरान अभिकर्ताओं ने प्रशासन और सरकार से सेबी के पास जमा राशि से ही निवेशकों का भुगतान करने की मांग की है. इस दौरान अभिकर्ताओं ने कहा कि सहारा के द्वारा जमा राशि का भुगतान नहीं किए जाने से सड़क पर चलना दूभर हो गया है. निवेशक सड़क पर रोक कर गाली-गलौज कर रहे हैं. जिसके चलते हम लोगों को परेशानी हो रही है. हम लोगों ने भी खुद का कमाया हुआ पैसा सहारा में जमा कर दिया. आज स्थिति यह है कि हम बेसहारा हो चुके हैं और सड़क पर आ गए हैं.
पैसा वापस कराने के लिए केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट तक लगा चुके हैं गुहारः हमने इसको लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. हम लोग परेशान हैं. हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द हमारी राशि का भुगतान हो, ताकि हमें राहत मिले. निवेशक घर तक आकर उल्टा-सीधा बोलकर चले जाते हैं. हम उन्हें जवाब नहीं दे पा रहे हैं. हम यह बताने की स्थिति में ही नहीं हैं कि कब तक जमा राशि का भुगतान होगा या नहीं होगा. बताते चलें कि निवेशक लगातार सहारा के कार्यालय पहुंचकर पैसा के लिए दबाव बना रहे हैं. वहीं धरना-प्रदर्शन आदि भी करते रहते हैं.