बोकारो: बीएसएफ में नौकरी लगवाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले मानव राज शर्मा को बालीडीह पुलिस ने शुक्रवार को न्यायीक हिरासत में जेल भेज दिया. बालीडीह इंस्पेक्टर विनोद कुमार के नेतृत्व में एसआईटी ने आरोपी को बिहार के भागलपुर से गिरफ्तार कर बोकारो लाया है. आरोपी ने गोविंद मार्केट निवासी रोहित कुमार और उसके दो दोस्तों से नौकरी के नाम पर 11 लाख की ठगी की है.
बालीडीह इंस्पेक्टर ने कहा कि ठगी के शिकार रोहित कुमार ने अज्ञात अपराधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, ब्लाईंड केस के उद्भेदन के लिए एसआईटी गठित कर टेक्निकल सेल की मदद से इन्वेस्टिगेशन शुरू की गई, आरोपी को चिन्हित कर अभ्यर्थी बनकर उसके पास पंहुचा गया, फिर भागलपुर पुलिस की मदद से ठग को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपी के पास से ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले तीन मोबाइल, एटीएम कार्ड और अन्य कागजत बरामद किए गए हैं, जांच में यह बात सामने आई है कि गिरफ्तार ठग गिरोह का नेटवर्क देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला हुआ है, जिसके माध्यम से अब तक करोड़ों रुपए की ठगी की जा चुकी है, मौके से गिरोह के तीन सदस्य अशोक कुमार सिंह, सुनील पासवान, तपन घोष चकमा देकर फरार हो गए.
कई सफेदपोश के शामिल होने की आशंका
इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी की पत्नी भागलपुर व्यवहार न्यायालय में स्टोनो और भाई क्लर्क है. भागलपुर में आरोपी का अपना रसूख है, जिसे ढाल बनाकर वो गिरोह का संचालन करता रहा है. इस गिरोह का बिहार, यूपी, ओडिशा, बंगाल, झारखंड और दिल्ली में नेटवर्क का फैला हुआ है. गिरोह का सदस्य एसएससी में छंटने वाले अभ्यर्थियों को चिन्हित कर उन्हें ठगी का शिकार बनाते हैं. इंस्पेक्टर ने कहा कि जांच पूरी होने पर कई सफेदपोशों का भी पर्दाफाश हो सकता है.
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अभ्यर्थियों को भेजा फर्जी नियुक्ति पत्र
गोविंद मार्केट में रहने वाले बिहार भोजपुर के सूचक रोहित कुमार ने 2015 में एसएससी के माध्यम से बीएसएफ जीडी बहाली का फॉर्म भरा था. वर्ष 16-17 के बहाली में दौड़ में वह छंट गया था. इस बीच नवंबर 2019 में मोबाइल पर अशोक सिंह नामक व्यक्ति का भागलपुर से फोन आया. उसने खुद को मेरु कैंप बीएसएफ का कमांडेंट बताते हुए 2015 की बहाली का जिक्र कर नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया. फिर सर्टिफिकेट और रुपये भेजने का सिलसिला चला. दबाव बनाने पर लॉकडाउन के बाद साल 2020 के अक्टूबर में रोहित और विवेक के पास निबंधित डाक से बीएसएफ मेरु कैंप का जॉइनिंग लेटर मिला. लेटर लेकर बीएसएफ कैंप पहुंचे तो पता चला नियुक्ति पत्र फर्जी है.