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फुरकान अंसारी में जेवीएम और बीजेपी की अटकी जान, निशिकांत और प्रदीप दोनों हलकान

गोड्डा में सांसद निशिकांत दुबे पिछला दो चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में जीतते रहे हैं. ऐसे में इस बार भी निशिकांत दुबे चाहेंगे कि फुरकान अंसारी चुनावी मैदान में उतरकर अल्पसंख्यक मतों में बड़ी सेंधमारी करे. यही कारण है कि निशिकांत दुबे सभी मंच से बोलते रहे है कि फुरकान अंसारी से ही उनका असली मुकाबला है और पिछले चुनाव में 3 लाख 20 हजार मत कांग्रेस के नहीं बल्कि फुरकान अंसारी के अपने हैं.

निशिकांत और प्रदीप यादव का बयान

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Published : Apr 27, 2019, 5:35 PM IST

गोड्डा: झारखंड में गोड्डा लोकसभा के नामांकन की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को है. भाजपा उम्मीदवार के रूप में सांसद निशिकांत दुबे शनिवार को पर्चा भर दिया है. घोषणा के तहत जेवीएम नेता प्रदीप यादव महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में आखिरी दिन 29 को नामांकन करेंगे. अब तक सीधे मुकाबले की स्थिति थी, लेकिन कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने पर्चा खरीद कर दोनों दल के उम्मीदवार की बीपी हाई कर दी है.

निशिकांत और प्रदीप यादव का बयान


बता दें कि गोड्डा में सांसद निशिकांत दुबे पिछला दो चुनाव त्रिकोणीय मुकाबले में जीतते रहे हैं. ऐसे में इस बार भी निशिकांत दुबे चाहेंगे कि फुरकान अंसारी चुनावी मैदान में उतरकर अल्पसंख्यक मतों में बड़ी सेंधमारी करे. यही कारण है कि निशिकांत दुबे सभी मंच से बोलते रहे है कि फुरकान अंसारी से ही उनका असली मुकाबला है और पिछले चुनाव में 3 लाख 20 हजार मत कांग्रेस के नहीं बल्कि फुरकान अंसारी के अपने हैं.


वहीं, प्रदीप यादव इस बार महागठबंधन उम्मीदवार बनकर काफी खुश हैं. उन्हें लग रहा है कि फुरकान अंसारी के नहीं रहने से 3 लाख से ज्यादा अपलसंख्यक मत और उनके खुद के पिछले चुनाव में लाए लगभग दो लाख मत मिल जाए तो उनकी चुनावी नैया पार लग जाएगी.


इसी बीच फुरकान अंसारी ने पर्चा खरीद दोनों उम्मीदवारों की धड़कने बढा दी है. ये स्थिति नामांकन के आखिरी तारीख और फिर अगर नामांकन कर दिया तो वापसी तक बने रहने की संभावना है. वैसे चर्चा ये भी है शायद फुरकान चुनाव ही न लड़े. लेकिन अब तक जो हालात है उससे इतना तो तय है कि दोनों ही फुरकान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं. दोनों ही फुरकान अंसारी की तारीफ करते देखे जाते हैं.

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