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झारखंड में 12फीसदी लोग मेंटल डिप्रेशन के शिकार, आत्महत्या के मामले में भारत टॉप पर - Health Department

वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर रांची में गुरुवार को मानसिक रोगों के विशेषज्ञ और सलाहकारों की ओर से अभिभावकों और स्कूल के शिक्षकों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने एक परिचर्चा कराई. स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि पारिवारिक तनाव को लेकर आत्महत्या की समस्याएं ज्यादा देखी जाती हैं. वहीं, नशे की लत भी आत्महत्या के लिए एक बड़ी समस्या है.

विश्व में 8 लाख लोग हर साल कर रहे आत्महत्या

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Published : Oct 11, 2019, 8:19 AM IST

रांची: गुरुवार को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर राजधानी में मानसिक रोगों के विशेषज्ञ और सलाहकारों की ओर से अभिभावकों और स्कूल के शिक्षकों के साथ स्वास्थ्य विभाग ने एक परिचर्चा कराई. इस चर्चा में मेंटल हेल्थ कंसलटेंट ने कार्यक्रम में आए स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों को जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से बच्चों और युवाओं को डिप्रेशन और नशे की लत से रोकी जा सकती है.

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मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि पारिवारिक तनाव को लेकर आत्महत्या की समस्याएं ज्यादा देखी जाती हैं. वहीं, नशे की लत भी आत्महत्या के लिए एक बड़ी समस्या है. इसलिए इस तरह की चर्चा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कराई जाती है ताकि लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके और आत्महत्या जैसी घटनाओं में कमी लाई जा सके. मेंटल हेल्थ कंसलटेंट डॉ शांतना कुमारी ने बताया कि पूरे विश्व में 8 लाख लोग हर साल आत्महत्या कर रहे हैं, जिसमें हर 4 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है.

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आत्महत्या की घटनाओं में भारत सबसे आगे
वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर जानकारी देते हुए बताया गया कि विश्व में आत्महत्या की घटनाओं में भारत सबसे आगे है और झारखंड में भी लगातार डिप्रेशन जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. फिलहाल लगभग 12 फीसदी लोग झारखंड में डिप्रेशन के शिकार हैं. इस परिचर्चा में राजधानी के कई स्कूलों के प्रिंसिपल, अभिभावकों और मेंटल हेल्थ कंसलटेंट को बुलाया गया. जहां लोगों को यह बताया गया कि किस तरह से स्ट्रेस मैनेजमेंट करने से डिप्रेशन में कमी लाई जा सकती है.

ऐसे करें स्ट्रेस में कमी

1.इस चर्चा में आए स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों को बताया गया कि बच्चों में पहले यह जरूर देखें कि बच्चे अपना काम एबिलिटी के हिसाब से कर रहे हैं या नहीं.
2.बच्चों में हद से ज्यादा मोबाइल एडिक्शन या नशे की लत नहीं होनी चाहिए.

3.बच्चों की लाइफ स्टाइल को संयमित रखना चाहिए. मसलन, समय पर भोजन, सोना, खेलना इन सब चीजों का निश्चित ध्यान रखना चाहिए.

4.भोजन को लेकर भी ध्यान रखना चाहिए ताकि पौष्टिक भोजन खाने से मस्तिष्क भी मजबूत हो.

वहीं, वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर राजधानी के कई वरिष्ठ मनोचिकित्सक और मेंटल हेल्थ कंसलटेंट ने कार्यक्रम में आए लोगों को डिप्रेशन और आत्महत्या जैसी घटनाओं में कमी लाने के लिए सलाह दी. गौरतलब है कि पूरे विश्व में 10 अक्टूबर को मनोरोगियों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है.

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