रांची: हौसला बुलंद हो और हाथों में हुनर हो तो किसी भी मुश्किल को पार करना आसान हो जाता है. चाहे वह कितना भी बुरा वक्त क्यों ना हो और ऐसे में जब पूरा देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा है, रोजगार का संकट है. ऐसे समय में सैकड़ों महिलाएं अपने हौसला और हुनर का परिचय दे रही हैं. रांची के सैकड़ों महिलाएं सिलाई के काम से जुड़कर सम्मान के साथ पैसे कमा रही हैं.
एक संस्था की मदद से महिलाओं के उत्पाद को ऑनलाइन बाजार की सुविधा भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि इन्हें अधिक मुनाफा मिल सके. राजधानी रांची के कांके रोड में सैकड़ों महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर सिलाई का काम कर रही हैं. ये महिलाएं मास्क, लेगिंग्स, जेगिंग्स, कुर्ती, सूट और टॉप जैसे परिधान तैयार करती हैं. उसके बाद फिर उसे अच्छी तरह से पैकिंग कर बाजार में ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से बेचा जाता है.
घर लौटने के बाद आर्थिक संकट!
दिल्ली में काम कर लौटीं प्रवासी गीता कुमारी बताती हैं कि पहले वह दिल्ली में काम करती थीं, लेकिन लॉकडाउन के वजह से इन्हें घर वापस आना पड़ा. वहीं घर में रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई. गीता को सिलाई का काम आता था. अब वह गारमेंट्स बनाने वाली महिलाओं के साथ जुड़कर काम कर रही हैं. लॉकडाउन के बावजूद महीने का 5 हजार से अधिक कमाने लगीं. गीता ने कहा कि इन महिलाओं से जुड़कर काफी लाभ हुआ है. एक तरह से रोजगार भी मिला है. उनका कहना है कि जब अपने घर में ही रहकर 5 हजार से अधिक कमा रही हैं तो अब उन्हें दिल्ली जाने की कोई जरूरत नहीं है.
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महिलाओं के इस समूह में कई ऐसी महिलाएं हैं जो सिलाई के काम से जुड़कर अपना परिवार चला रहीं हैं. महिलाओं की मानें तो लॉकडाउन की बुरे वक्त में उनके हुनर ने उन्हें काफी सहारा दिया. ये महिलाएं जरूरत के हिसाब से डिजाइनिंग मास्क भी तैयार कर बेच रही हैं. जिससे अच्छा मुनाफा हो रहा है. इसके साथ-साथ कई तरह के डिजाइनिंग परिधान भी तैयार किए जा रहे हैं, क्योंकि आज के समय में डिजाइनिंग लेगिंग्स, जेगिंग्स, कुर्ती और टॉप जैसे परिधानों का काफी डिमांड है.