रांची: झारखंड से मलेरिया, कालाजार, लिंफेटिक फाइलेरायसिस और कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों को समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयत्नशील है. इसी को लेकर भारत सरकार के नेशनल बीबीडी प्रोग्राम के तहत रांची में कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम में नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज की संयुक्त सचिव रेखा शर्मा ने झारखंड और बिहार के अधिकारी और पदाधिकारियों को इन बीमारियों को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए.
ये भी पढ़े-मुठभेड़ में JJMP कमांडर की मौत की जांच करेगी CID, केस का अनुसंधान टेकओवर करने का आदेश
वेक्टर जनित बीमारियों को समाप्त करने के लिए योजना
वेक्टर जनित बीमारियों पर नियंत्रण पाने के लिए सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कालाजार, मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू और कुष्ठ जैसी बीमारियों को जड़ से समाप्त करने के लिए वृहद कार्य योजना की जरूरत है. इसको लेकर सरकार अपने स्तर से हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि अगर पिछले कुछ सालों के आंकड़े को देखें तो झारखंड के स्वास्थ्य व्यवस्था इन बीमारियों पर नियंत्रण भी पाया है लेकिन आने वाले समय में इसे जड़ से समाप्त करने के लिए स्वास्थ विभाग और भी बेहतर दिशा में काम करेगा.
वेक्टर जनित बीमारियों का आकड़ा
वेक्टर जनित बीमारियों से दिलाएंगे निजात
वेक्टर बोर्न डिजीज कार्यक्रम के राज्य स्तर पदाधिकारी डॉ. शेष नारायण झा ने कहा कि इन बीमारियों को समाप्त करने के लिए भारत सरकार के अधिकारी झारखंड में रिव्यू मीटिंग और समीक्षा कर रहे हैं. इस समीक्षा के बाद जो भी दिशा निर्देश भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से दिए जाएंगे उस पर राज्य के पदाधिकारी काम करके वेक्टर जनित बीमारियों से राज्यवासियों को निजात दिलाएंगे.
वेक्टर जनित बीमारियों का आकड़ा अभी भी राज्य में मलेरिया और कालाजार जैसी बीमारी संताल और कोल्हान के क्षेत्रों में मौजूद है. हर साल सैकड़ों मरीज इन क्षेत्रों में इस बीमारी की चपेट में आते हैं, जो कि सीधे उनके स्वास्थ्य पर असर करता है. राज्य में आंकड़े को देखें तो वेक्टर जनित बीमारियों से ग्रसित होने वाले मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम हो रही है, जो कि निश्चित रूप से राज्य के लिए अच्छी खबर है.