रांचीःझारखंड के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए वैक्सीनेशन का काम लगातार जारी है. रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा सहित सभी जेलों में अब वैक्सीनेशन का काम बेहद आसान हो गया है. क्योंकि इसके लिए अब आधार कार्ड की कोई जरूरत नहीं है.
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वैक्सीन पर फोकस
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा सहित अन्य जेलों में वैक्सीनेशन पर जेल प्रशासन का लगातार फोकस है. इसबीच कुछ दिनों पहले वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन में आधार कार्ड सहित अन्य आईडी नहीं रहने की वजह से यह मामला फंस रहा था, लेकिन स्वास्थ विभाग की ओर से कैदियों, भिखारियों और साधुओं के लिए आधार और पहचान की अनिवार्यता समाप्त करने के बाद राहत मिल गई है. इसके बाद जेलों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. विशेष तौर पर 45 से ज्यादा उम्र वाले कैदियों को वैक्सीन दी जा रही है.
बिरसा मुंडा कारा में 600 कैदियों को वैक्सीन
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में अबतक महज 600 कैदियों को वैक्सीन लगाई गई है. सभी को पहला डोज ही मिल पाया है. हालांकि, इस जेल में 3600 कैदी बंद हैं. पहले आधार कार्ड की वजह से आ रही पेंच की वजह से वैक्सीनेशन धीमी हुई हो गई थी, लेकिन छूट से संबंधित आदेश के बारे में जानकारी के बाद वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है.
सरायकेला खरसावां जेल के हर कैदी को दी गयी वैक्सीन
वहीं, झारखंड के सरायकेला खरसावां जेल में हर कैदी को वैक्सीन दे दी गयी है. सरायकेला खरसावां जेल झारखंड का पहला जेल है जहां 100% वैक्सीन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है.
जेलों में संक्रमण से बचाव के लिए पूरी सुरक्षा
जलों में संक्रमण न फैले, इसके लिए पूरी सुरक्षा बरती जा रही है. इस वजह से जेल में संक्रमितों की संख्या नहीं बढ़ रही है. स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर बंदियों का पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है. वहीं, जिन बंदियों में कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा है उन्हें आइसोलेट कर दिया जा रहा है. इसके साथ ही जेल परिसर को समय-समय पर सेनेटाइज भी कराया जा रहा है. इस समय जेल में बंद कैदियों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए जेल प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है.