रांची:बिरसा मुंडा जैविक उद्यान (Birsa Munda Biological Park) में जल्द ही एक अनोखा भालू देखने को मिलेगा. इसे अनोखा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह अपने दोनों आंखों से देख नहीं सकता. लेकिन इसकी खासियत है कि जो भी इसे प्यार करता है, उसे बिना देखे ही अपना समझ लेता है.
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बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के पशु चिकित्सक ओम प्रकाश साहू बताते हैं यह भालू अपने माता-पिता से बिछड़कर गुमला के जंगल से गांव में घुस गया था. जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. वन विभाग ने इस भालू को रेस्क्यू कर भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान पहुंचाया है. यह भालू काफी कम उम्र का है और इसकी देखरेख बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के प्रबंधन की ओर से की जा रही है. उन्होंने बताया कि अभी इस भालू का क्वॉरंटीन पीरियड चल रहा है, इसीलिए इसे पिंजरे में नहीं रखा गया है. जब इसे पिंजरे से छोड़ा जाएगा तो इसका नामांकरण भी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस भालू के आंखों की रोशनी को वापस लाने के लिए उच्च स्तर इलाज चल रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही इसकी आंखों की रोशनी वापस आ जाएगी.