रांची: देश के विद्युत संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक नहीं होने से बिजली संकट की संभावना का असर दिखने लगा है. केंद्रीय कोयला मंत्री आज (14 अक्टूबर) छत्तीसगढ़ से रांची पहुंचे और एयरपोर्ट से ही सीधे पीपरवार ओपन कास्ट माइंस का निरीक्षण करने के लिए रवाना हो गए. उनके साथ कोल इंडिया के चेयरमैन, सीसीएल के सीएमडी समेत कोयला मंत्रालय के कई अधिकारी भी गए हैं.
ये भी पढ़ें-ETV भारत से बोले ऊर्जा मंत्री आरके सिंह- 'बिजली संकट की झूठी अफवाह फैला विपक्ष कर रहा राजनीति
कोयले की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि होने से आयात प्रभावित हुआ है. जिसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों सवाल उठाया था कि चंद दिनों में बिजली संयंत्रों का कोल स्टॉक खत्म हो जाएगा. इसकी वजह से ब्लैक आउट की नौबत आ सकती है. इसी के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के.सिंह ने खुद मोर्चा संभाला और भरोसा दिलाया कि किसी तरह का संकट पैदा नहीं होने दिया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री का झारखंड दौरा अहम
इस कड़ी में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के झारखंड दौरे को अहम माना जा रहा है. संभव है कि पीपरवार से लौटने के बाद रांची में एक समीक्षा बैठक भी हो. हालाकि इस बारे में सीसीएल की ओर से कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है. आपको बता दें कि कुछ समय पहले तक कोयला उत्पादन के मामले में झारखंड पूरे देश में टॉप हुआ करता था लेकिन हाल ही कोयला मंत्रालय की तरफ औपबंधिक सांख्यिकी रिपोर्ट 2020-21 के मुताबिक कोयला उत्पादन के मामले में झारखंड चौथे स्थान पर चला गया है.