रांची:झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंतर्कलह को खत्म करने की जिम्मेवारी शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार को दी है. यही वजह है कि उमंग सिंघार रांची पहुंचे हैं और 9 अगस्त तक संगठन के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ-साथ पार्टी विधायकों से भी उनकी नाराजगी की वजह जानेंगे. इसके लिए सभी से अलग-अलग मुलाकत करेंगे. हालांकि उमंग सिंघार और प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने पार्टी के अंतर्कलह को सिरे से खारिज कर दिया है और पार्टी में सब कुछ ठीक होने का दावा किया है.
उमंग सिंघार को आलाकमान ने सौंपी विधायकों को मनाने की जिम्मेवारी
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब उमंग सिंघार को आलाकमान ने पार्टी विधायकों को मनाने की जिम्मेवारी सौंपी है. इससे पहले भी 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान उमंग सिंघार को पार्टी से नाराज विधायकों को मनाने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. हालांकि नाराज विधायकों ने पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था. ऐसे में एक बार फिर पार्टी विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और राजेश कच्छप ने दिल्ली जाकर आलाकमान से नाराजगी जाहिर की है. जिसमें कहा है कि सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही है और उनके विधानसभा क्षेत्र में जनता का काम नहीं हो पा रहा है. इसके साथ ही संगठन में एक व्यक्ति एक पद का सवाल भी उठाया है इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि पार्टी के 9 विधायक नाराज हैं.
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उमंग सिंघार ने कांग्रेस के अंतर्कलह को किया खारिज
वहीं पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने भी दावा किया था कि बीजेपी ने पार्टी के कुछ विधायकों से संपर्क साधा है. ऐसे में अब आलाकमान को भी पार्टी के अंतर्कलह को लेकर डर सताने लगा है. यही वजह है कि पार्टी के अंतर्कलह को खत्म करने के लिए आलाकमान ने उमंग सिंघार को रांची भेजा है. हालांकि उमंग सिंघार ने कांग्रेस के अंतर्कलह को खारिज करते हुए कहा है कि लंबे समय तक उन्होंने झारखंड के लिए काम किया है और काफी समय तक लॉकडाउन था. इस वजह से वह झारखंड नहीं आये थे. इसलिए उनका रांची दौरा हुआ है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी से बात करेंगे और चुनाव में जनता को किए गए वादों को कैसे पूरा किया जाए. इस पर विचार विमर्श किया जाएगा. साथ ही संगठन को मजबूत करने रणनीति बनाई जाएगी.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा पार्टी के अंदर सब कुछ सही है
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने कहा कि पार्टी के अंदर सब कुछ सही है, कोई नाराजगी नहीं है. दिल्ली घूमने की जगह है और विधायक घूमने गए थे, उन्होंने कहा कि पहले उनसे जानकारी ली जाए. जबकि विधायकों ने दिल्ली से लौटने के बाद अपनी नाराजगी की सारी बातों को जाहिर भी कर दिया है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने एक बार फिर सलाह दी है कि अगर किसी विधायक को नाराजगी है तो पार्टी प्लेटफार्म पर अपनी बातों को रखना चाहिए बाहर नहीं. झारखंड कांग्रेस के सह प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष भले ही पार्टी के अंतर्कलह से इंकार कर रहे हो लेकिन 3 विधायकों के दिल्ली जाने के बाद से पार्टी के अंदर घमासान मचा हुआ है. जिसे अब खत्म करने और संगठन को मजबूत करने के लिए आलाकमान ने सिंघार को दूत बनाकर भेजा है.