रांची:राजधानी के अनगड़ा और हिंदपीढ़ी इलाके से मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आई हैं. दोनों जगहों पर नवजात मासूमों के साथ हैवानियत की गई है. अनगड़ा में एक मासूम नवजात को चाकू से गोद कर झाड़ियों में फेंक दिया गया वह अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. वहीं, हिंदपीढ़ी इलाके में नदी से एक नवजात का शव बरामद किया गया है.
अनगड़ा में खून से लाल मिली मासूम
रांची के अनगड़ा इलाके में उस समय सनसनी फैल गई जब बांस की झाड़ियों के पास से खून से लथपथ एक नवजात को बरामद किया गया. नवजात के रोने की आवाज सुनकर ग्रमीण मौके पर पहुंचे, नवजात के शरीर पर कई जगह चाकू से मारने के निशान थे. आनन फानन में ग्रामीणों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. जिसके बाद एंबुलेंस के जरिए नवजात को अस्पताल भेजा गया. फिलहाल मासूम नवजात का इलाज रांची के अस्पताल में चल रहा है. दूसरी तरफ अनगड़ा पुलिस मासूम को लेकर जानकारी इकट्ठा कर रही है. पुलिस गुप्तचरों के माध्यम से यह भी पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिर किसने मासूम नवजात के साथ यह दरिंदगी की है.
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राजधानी रांची में एक ही दिन में दो नवजात के साथ हैवानियत की गई. अनगड़ा में जहां माता-पिता ने नवजात को बांस की झाड़ियों में फेंक दिया. तो वहीं दूसरी तरफ हिंदपीढ़ी में नवजात का शव बरामद किया गया.
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हिंदपीढ़ी में नदी से मिला नवजात का शव
दूसरी तरफ रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के लाह फैक्ट्री स्थित हरमू नदी से एक नवजात बच्ची शव पानी में फेंका हुआ बरामद किया गया. जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ नदी के पास जमा हो गई. वहीं मामले की जानकारी हिंदपीढ़ी पुलिस को दी गई और शव को नदी से निकाला गया. आसपास के लोगों की जानकारी के अनुसार एक महिला ने कार्टन में पैक करके नवजात बच्ची का शव नदी में फेंक दिया और खुद वहां से फरार हो गई. नवजात बच्ची का शव नदी में मिलने के कारण स्थानीय लोग आक्रोशित हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस तरह बच्ची को नदी में फेंकने वाले की पहचान कर उसपर कार्रवाई की गुहार पुलिस से की है.
स्थानीय लोगो ने ही दी मिट्टी
नवजात के शव मिलने के बाद उसके हिंद पीढ़ी के लोगों ने ही मिलजुलकर पूरे विधि विधान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया. हिंदपीढ़ी के लोगों ने प्रशासन से आग्रह किया कि बच्ची, उन्हीं के मोहल्ले से मिली है, इसलिए उन्हें इजाजत दिया जाए कि पूरे विधि विधान से मिट्टी देकर नवजात को दफनाया जा सके. इजाजत मिलने के बाद ही हिंदपीढ़ी के लोगों ने ही नवजात के लिए कफन का इंतजाम किया और नदी के किनारे ही कब्रिस्तान में दफनाया.