झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

झारखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना प्राथमिकता, मां माटी मानुष की रक्षा सर्वोपरी: कामेश्वर बैठा - बीजेपी पर बरसे नेता

बोकारो के चंदनकियारी में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्व सांसद और प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर बैठा ने पार्टी का साथ देने की अपील की और कहा कि इन सालों में राज्य को सब ने लूटा.

मंच पर मौजूद टीएमसी नेता

By

Published : Oct 24, 2019, 2:54 PM IST

चंदनकियारी, बोकारो: जिले के चंदनकियारी के टाऊन हॉल में तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर पूर्व सांसद सह तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर बैठा ने झारखंड की तमाम पार्टियों को आड़ेहाथों लिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में जब जिनको मौका मिला सबने लूटा.

देखें पूरी खबर

बीजेपी एंड कंपनी भ्रष्टाचार की जननी
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर बैठा ने कहा कि चंदनकियारी बंगाल के पड़ोसी है, बंगाल में ममता दीदी के कार्यकाल किसी से छिपा नहीं है. सोना, हीरा कोख में पलने वाले झारखंड में बीजेपी एंड कंपनी ने भय, भूख और भ्रष्टाचार को जन्म दिया है. नेताओं ने यहां के खजाने को खाली कर विदेशी बैंकों में अपनी संपत्ति सुरक्षित की है. तृणमूल मां माटी और मानुष और जल, जमीन, जंगल की पार्टी है.

19 साल सबने राज्य को लूटा
कामेश्वर बैठा ने कहा कि 24 सालों तक बंगाल में राज करने वाली लेफ्ट के सरकार को ममता दीदी ने जिस तरह से उखाड़ फेंका और समृद्ध बंगाल का निर्माण किया. ठीक उसी तरह से झारखंड से बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंककर तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनाना है. इसके लिए परिवर्तन की लहर दौड़ पड़ी है, जिस उम्मीद के साथ झारखंड को अलग करने की लड़ाई लड़ी आज ठीक उसके विपरीत काम हो रहा है.19 साल तक सभी पार्टियों ने झारखंड को बारी-बारी से सत्ता भोग के रूप में उपयोग कर कंगाल बना दिया है.

ये भी पढ़ें-BJP में वही लोग जा रहे हैं जिन्हें डर है, अब लोगों को भी स्वच्छ बना रही उनकी पार्टी

देश की अर्थव्यवस्था 50 साल पीछे
झारखंड की माता, बहनें दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी कर रही हैं, युवा निरंतर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. जबकि राज्य के मुख्यमंत्री जनता के पैसों से विदेशो में भ्रमण कर रहे हैं. वहीं, केंद्र की बीजेपी सरकार की गलत जीएसटी और नोटबंदी जैसे कानून ने देश की अर्थव्यवस्था को पचास साल पीछे धकेल दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details