रांचीः आदिवासियों की जन मुद्दों को लेकर कई आदिवासी सामाजिक संगठनों ने बैठक की. इस दौरान सर्वसम्मति से झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया. बैठक में मुख्य रूप से रिम्स में हुए नियुक्ति घोटाला मामला और रिम्स के विस्थापितों को अधिकार दिलाने को लेकर चर्चा की गई.
RIMS में नियुक्ति मामले और विस्थापितों के अधिकार के लिए बैठक, आदिवासी संयुक्त मोर्चा का गठन
रांची में आदिवासियों की जन मुद्दों को लेकर कई आदिवासी सामाजिक संगठनों ने बैठक की. बैठक में मुख्य रूप से रिम्स में हुए नियुक्ति घोटाला मामला और रिम्स के विस्थापितों को अधिकार दिलाने को लेकर चर्चा की गई. झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा का मानना है कि रिम्स के निदेशक ने सरकार के नियम कानून को ताक में रखकर आरक्षण नीति को दरकिनार किया है. जिस पर अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए.
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झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा के डॉक्टर करमा उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य में संयोगवश पहली बार आदिवासी राज्यपाल, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं केंद्रीय कल्याण मंत्री होने के बावजूद राज्य की कार्यप्रणाली धराशाई है. उन्होंने कहा कि रिम्स नियुक्ति में हुए गड़बड़ी और सीबीआई जांच करने की मांग और इसमें शामिल सभी आरोपियों को अविलंब गिरफ्तार की मांग की है. वहीं उन्होंने कहा कि रिम्स निदेशक के खिलाफ झारखंड आदिवासी संयुक्त मोर्चा मुकदमा दर्ज कराएगी.