झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

झारखंड में कोरोना संक्रमित अस्पतालों में बेड खाली, होम आइसोलेशन में ही इलाज करा रहे मरीज

कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट संक्रामक तो है लेकिन घातक नहीं है. संक्रमित मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है. होम आइसोलेशन में ही ज्यादातर मरीज इलाज करा रहे हैं.

treatment of corona patient in jharkhand
treatment of corona patient in jharkhand

By

Published : Jan 25, 2022, 10:29 AM IST

Updated : Jan 25, 2022, 2:14 PM IST

रांचीः कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट बेहद तेजी से फैलने वाला है, लेकिन यह घातक डेल्टा जैसा नहीं है. सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार और सर दर्द के साथ लोग तीसरी लहर में संक्रमित तो हो रहे हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आ रही है. हालांकि पिछले दो दिनों से राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सुरक्षित रखे गए 25,000 बेड में से कितने पर कोरोना संक्रमित भर्ती हैं और कितने कोरोना बेड खाली हैं इसकी कोई जानकारी अधिकृत रूप से नहीं दी है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में अभी 17 हजार के करीब कोरोना संक्रमित, मुख्यमंत्री कोरोना किट के साथ होम आइसोलेशन में हैं. वहीं 500 से भी कम ऐसे कोरोना संक्रमित हैं जिनका इलाज सरकारी- गैर सरकारी कोविड अस्पताल में चल रहा है.

ये भी पढ़ेंःJharkhand Corona Updates: 24 जनवरी को झारखंड में कोरोना से 11 लोगों की मौत, 1411 नए संक्रमित मिले

रिम्स में कोरोना के 61 मरीज, जिला कोविड अस्पताल में सिर्फ 04 संक्रमितःराज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कोरोना संक्रमित की संख्या बढ़ने की स्थिति में आपात स्थिति से निपटने के लिए 800 बेड रिजर्व रखे गए हैं. जिसमें से सिर्फ 61 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं. इसी तरह सदर अस्पताल के जिला कोविड अस्पताल में 480 बेड में से सिर्फ 06 बेड पर मरीज हैं यानि 474 बेड खाली पड़े हैं. इसी तरह डोरंडा के रिसालदार, CHC अस्पताल में 01 जनवरी से 100 बेड का कोरोना अस्पताल चल रहा है पर आज तक एक भी कोरोना संक्रमित को तीसरी लहर में भर्ती नहीं कराया गया है. जबकि यहां 12 डॉक्टरों और दो दर्जन से अधिक नर्सें और अन्य स्टाफ पदस्थापित हैं.

राज्य में ICU में सिर्फ 29 कोरोना संक्रमित, वेंटिलेटर पर हैं सिर्फ 04ःराज्य में कोरोना के तीसरी लहर में ज्यादातर लोग कोरोना की चपेट में तो आ रहे हैं पर चार से पांच दिनों में वह ठीक हो जा रहे हैं. अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता उन्ही को पड़ रही है जो किसी गंभीर बीमारी या कोमोरबिड श्रेणी के हैं. राज्य में कोरोना का वर्तमान संक्रमण तेजी से फैलने वाला तो है पर विशेषज्ञ बताते हैं कि यह कम खतरनाक है. यही वजह है कि अस्पताल में भर्ती कराने की कम लोगों को जरूरत पड़ रही है.

देखें पूरी खबर
Last Updated : Jan 25, 2022, 2:14 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details