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झारखंड में खिलाड़ियों को तरासने वाले जौहरियों की हालत खस्ता, प्रशिक्षकों को 21महीने से नहीं मिला वेतन

झारखंड के खिलाड़ी देश और दुनिया में काफी नाम कर रहे हैं. लेकिन इन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने वाले प्रशिक्षकों की सुध नहीं ली जा रही है. पिछले 21 महीने से इन प्रशिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है.

trainers not getting salary
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Published : Mar 15, 2022, 2:08 PM IST

रांचीः जमशेदपुर में आयोजित हो रहे SAFF अंडर-18 बालिका फुटबॉल चैंपियनशिप के लिए चयनित खेल प्रशिक्षकों को 21 माह से मानदेय नहीं दिया गया है. इनमें पूर्णिमा कुमारी और अष्टम उरांव शामिल हैं. गौरतलब है कि इस केंद्र का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाता है. एकलव्य स्पोर्ट्स एंड स्किल डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से इसका संचालन होता है.

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राज्य के फुटबॉल खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षक अष्टम उरांव और सोनी कुमारी को पिछले 21 माह से मानदेय नहीं मिला है. सोनी कुमारी झारखंड खेल प्राधिकरण द्वारा संचालित हजारीबाग आवासीय बालिका फुटबाल प्रशिक्षण केंद्र में बतौर प्रशिक्षक 2018 से कार्यरत हैं. जून 2020 तक सोनी कुमारी को मानदेय का भुगतान किया गया है. लेकिन जुलाई 2020 से भुगतान नहीं किया जा रहा है. कई बार इसे लेकर विभाग को अवगत कराया गया, पत्राचार भी हुआ. झारखंड खेल प्राधिकरण के पदाधिकारी भुगतान के संबंध में फाउंडेशन और जिला खेल पदाधिकारी से रिपोर्ट भी मांगी गई. इसके बावजूद अब तक मानदेय लंबित ही है .


गौरतलब है कि जमशेदपुर में शुरू हो रहे SAFF U-18 फुटबॉल चैंपियनशिप के लिए इन दोनों प्रशिक्षकों का भी चयन हुआ है. झारखंड के 6 खिलाड़ी भारतीय महिला फुटबॉल टीम में शामिल हुए हैं और इन खेल प्रशिक्षकों को भी प्रशिक्षण के लिए रखा गया है.

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