- झारखंड में बढ़ी राजनीतिक हलचल, सीएम हेमंत सोरेन गए दिल्ली
झारखंड में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. सीएम हेमंत सोरेन दिल्ली गए (CM Hemant Soren visit to Delhi).
- 'असंवैधानिक है 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, नहीं किया जा सकता है लागू'
हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने का फैसला किया है (1932 khatiyan best sthaniya niti in Jharkhand). इसके बाद से ही झारखंड की राजनीति गर्म हो गई है. हेमंत सोरेन के इस फैसले से कहीं खुशी का माहौल है तो कहीं इस फैसले पर सवाल उठाया जा रहा है. वहीं कई नेता और विशेषज्ञ इसे अव्यवहारिक भी बता रहे हैं.
- 16 सब इंस्पेक्टर का तबादला, सभी रेल पुलिस में देंगे योगदान, देखें तबादले की लिस्ट
झारखंड के रेल डीजी ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसरों की मांग की. इसलिए राज्य के अलग-अलग जिलों में प्रस्तावित सभी 16 सब इंस्पेक्टरों का तबादला रेलवे पुलिस में (Sub inspectors transferred in railways) कर दिया गया है. देखें तबादले की लिस्ट.
- जिसके पास होगा 1932 का कागज, वही कहलायेगा 'झारखंडी', जानिए क्या हैं हेमंत सरकार के फैसले के मायने
हेमंत सोरेन सरकार ने स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान (1932 Khatian Based Domicile Policy) को अनिवार्य बना दिया है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर फैसला लिया गया है. ऐसे में अब कई सवाल उठने लगे हैं. कौन कहलाएगा झारखंडी, जिसके पास 1932 का खतियान नहीं है उसका क्या होगा, जिसका डोमिसाइल सर्टिफिकेट बन जाएगा उसको क्या फायदा होगा, फैसले को लागू कराने के लिए सरकार को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? जानते हैं इस रिपोर्ट में...
- सीएम हेमंत सोरेन ने की राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात,कहा- दूर करें राजनीति अनिश्चितता
सीएम हेमंत सोरेन गुरुवार दोपहर लगभग 2.15 बजे राज्यपाल रमेश बैस से मिलने पहुंचे. करीब 40 मिनट बातचीत करने के बाद सीएम हेमंत सोरेन अपने आवास वापस लौट गए. इस दौरान उन्होंने एक पत्र भी राज्यपाल को सौंपा. इसमें चुनाव आयोग के दिए गए पत्र के बारे में खुलासा करने का आग्रह किया.
- मधु कोड़ा ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति का किया विरोध, कहा- 45 लाख लोग बन जाएंगे रिफ्यूजी