रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मानना है कि कोरोना संक्रमण के अंकुश को लेकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग का व्यापक अभियान चलाया गया. इससे बड़ी सफलता मिली. यह साफ हो गया कि सरकार स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है.
ये भी पढ़ें-सीएम हेमंत के खिलाफ ट्विटर पर अमर्यादित टिप्पणी, वार्ड सदस्य का बेटा गिरफ्तार प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने कहा कि इस अभियान से यह साबित हो गया है कि राज्य के 80 से 85 फीसदी गांवों में कोरोना का खतरा नहीं है. इसके बावजूद अभी कोविड-19 का खतरा टला नहीं है. इसलिए सभी एहतियात कदम उठाये जाने और सतर्कता बरते जाने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि राज्य में इंटेसिव पब्लिक हेल्थ सर्वेक्षण अभियान (आईपीएचएस) के तहत 44 लाख से अधिक घरों में डोर-टू-डोर सर्वे हुआ. इसमें 2.44 करोड़ से अधिक लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग हुई. इस मीडिकल स्क्रीनिंग के दौरान सिर्फ 920 कोरोना संक्रमित मरीज मिले. यह आंकड़ा दर्शाता है कि हेमंत सोरेन ने कोरोना संक्रमण की दूसरी वेब को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने से रोकने में काफी हद तक कामयाबी हासिल की.
केंद्र सरकार ने नहीं किया अपेक्षित सहयोग
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल के नेतृत्व में ना सिर्फ लोगों को हरसंभव स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी गयी. वहीं, जरूरतमंद परिवारों को राशन और गांव-गांव में रोजगार की सुविधा भी मुहैया करायी गयी.
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि कोरोना संक्रमण के पहली और दूसरी वेब में राज्य सरकार का प्रयास सराहनीय रहा. इसके बावजूद अभी तीसरी लहर की चेतावनी के बीच खतरा बरकरार है. इसलिए वैक्सीनेशन के काम में अब तेजी लाये जाने की जरूरत है, ताकि खतरों को कम से कम किया जा सके.