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पैसे डबल करने का सपना दिखा एक करोड़ की ठगी, एक साल बाद दबोचा गया आरोपी

चिटफंड कंपनी में इंवेस्टमेंट कर दोगुना का सब्जबाग दिखाने वाला गिरफ्तार. बता दें कि 200 से ज्यादा लोगों से एक करोड़ की ठगी का आरोपी है कपिलदेव सिन्हा. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.

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गिरफ्त में आरोपी

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Published : Feb 5, 2020, 5:05 AM IST

रांची: दोगुना का सब्जबाग दिखा 200 से ज्यादा लोगों से एक करोड़ की ठगी करने के आरोपी को सुखदेव नगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जेल भेजा गया आरोपी रांची के एचईसी के क्वार्टर में रहने वाला कपिलदेव सिन्हा है.

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एचईसी का रिटायर्ड कर्मी है आरोपी
बता दें कि वह कपिलदेव एचईसी का रिटायर्ड कर्मी है. उसके खिलाफ ठगी की शिकार रांची के बुढ़मू निवासी सोनी देवी ने सुखदेवनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें बताया था कि आरोपी ने जेकेवी बचत और साख स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड नाम की चिटफंड कंपनी में इंवेस्टमेंट कर दोगुना का सब्जबाग दिखाया. करीब एक दर्जन लोगों से आठ लाख रुपए जमा कराया. एजेंट के रुप में 100-150 रुपए कमीशन भी दिया.

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एक करोड़ से अधिक की ठगी
पीड़त के अनुसार, उन्हें ठगा हुआ तब महसूस हुआ, जब मैच्यूअरटी पूरा होने के बाद भी रुपए नहीं दिया गया. किशोरगंज में खोला गया कार्यालय कडरू में शिफ्ट कर दिया गया. मामले में मार्च 2019 में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की थी, लेकिन वह फरार चल रहा था. जांच में कई और ठगी के शिकार लोग सामने आने लगे. मामला एक करोड़ से अधिक का निकल आया.

कंपनी के मालिक को भेजते थे रुपए: आरोपी
पकड़े जाने के बाद आरोपी कपिलदेव सिन्हा ने बताया कि वह लोगों से रुपए वसूलने के बाद उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी गणेश पाठक और बिहार के बक्सर निवासी विनोद सिंह को रुपए भेजता था. वह उसी के लिए काम करता था. कपिलदेव सिन्हा को ब्रांच मैनेजर बना रखा था. उसके खाते में करीब 95 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन किया. इसके अलावा कुछ पैसे रांची में ही इंवेस्ट किए. उसके कई एजेंट रांची में काम कर रहे थे. रांची के गरीब मजदूरों को जाल में फंसाकर एजेंटों के माध्यम से रुपए मंगवाता था.

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पत्नी के नाम लिया था फ्रेंचाइजी
आरोपी कपलिदेव सिन्हा ने अपनी पत्नी के नाम पर वर्ष 2012 में फ्रेंचाइजी लिया था. उस सम वह एचईसी कर्मी था. इस वजह से खुद के नाम पर इस चिटफंड कंपनी का व्यवसाय शुरू नहीं किया. पत्नी को मैनेजर और बेटी को कैशियर सह ऑफिस क्लर्क के रूप में नियुक्त भी कर रखा था. पुलिस संबंधित कंपनी से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका भी खंगाल रही है.

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