रांची: इंश्योरेंस कंपनी में काम करने वाली लड़की से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को मंगलवार जेल भेज दिया है. आरोपियो की गिरफ्तारी में एक आरोपी का मौके वारदात पर गिरा विजिटिंग कार्ड पुलिस के काम आया. उसी के जरिए एक-एक कर सभी को पुलिस ने दबोच लिया.
हालांकि, मामले में दो आरोपी अभी भी फरार हैं. उनकी तलाश में रामगढ़ और रांची के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी चल रही है. इधर, मंगलवार को पीड़िता का पुलिस ने सदर अस्पताल में मेडिकल कराया. इसके साथ ही कोर्ट में 164 का बयान भी दर्ज कराया. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर पीड़िता को परिजनों को सौंप दिया गया. इसके बाद परिजन पीड़िता को लेकर गिरिडीह चले गए. पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया है कि बीते आठ फरवरी को उसे दरिंदों ने सात घंटे तक बंधक बनाकर रखा था. पूरी घटना का मास्टरमाइंड राहुल है, उसे महत्व नहीं देने की वजह से उसने सामूहिक दुष्कर्म की साजिश रची और दोस्तों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया.
किराए के कमरे में बंधक थी पीड़िता
पीड़िता के अनुसार, दिन के करीब 12 बजे से लेकर सात बजे तक उनके चंगूल में थी. एक किराए के घर में उसे बंधक बनाकर रखा गया था. सात घंटे के भीतर सभी ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया. सबसे पहले संतोष, रिक्की और कमल ने पीड़िता को शिकार बनाया. इसके बाद शाम के चार बजे के करीब वहां राहुल और धर्मेंद्र पहुंचा. फिर, राहुल ने पीडि़ता का मोबाइल छीनकर तोड़ दिया. पूरी घटना के दौरान पीड़िता गिड़गिड़ाते हुए छोडऩे के लिए कही, लेकिन किसी ने नहीं सुना. शौच के बहाने पीड़िता वहां से भागकर सदर थाना क्षेत्र स्थित अपने किराए के घर पर पहुंची. दो दिनों के बाद सोमवार की शाम पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन को दबोच लिया.
विजिटिंग कार्ड रख ली थी पीड़िता
घटना के दौरान पीड़िता ने धर्मेंद्र नाम के आरोपी की ट्रांसपोर्ट कंपनी से संबंधित विजिटिंग कार्ड रख ली थी. उस विजिटिंग कार्ड को पुलिस को सौंप दिया. इसी के आधार पर बूटी मोड़ के समीप स्थित ट्रांसपोर्ट कार्यालय पर पुलिस पहुंची. वहां मालिक से संपर्क कर धर्मेंद्र को बुलवाया गया. मालिक के बुलावे पर आरोपी पहुंचा. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि संतोष और राहुल को तकनीकी सेल की मदद से उनके घर के आसपास से दबोचा गया.