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48 घंटे में 'दुश्मन' का सफाया करने मैदान में उतरेगी भारतीय सेना! पाकिस्तान की फूली सांसे

पाकिस्तान की ओर से लगातार बढ़ रही नापाक हरकतों को देखते हुए दुश्मन देश को अपनी ताकत का एहसास करवाने के लिए भारतीय सेना की सुदर्शन चक्र स्ट्राइक कोर और वायु सेना एक साथ पोकरण में युद्धाभ्यास करने जा रही है. जिसके तहत पूर्व युद्धाभ्यास शुरू भी हो चुका है.

the second phase of the armys exercise will be held at pokaran field firing range in jaisalmer
भारतीय सेना का युद्धाभ्यास

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Published : Nov 29, 2019, 9:15 AM IST

जैसलमेर. पाकिस्तान की ओर से लगातार बढ़ रही नापाक हरकतों को देखते हुए दुश्मन देश को अपनी ताकत का एहसास करवाने के लिए भारतीय सेना की सुदर्शन चक्र स्ट्राइक कोर वायु सेना के साथ मिलकर जैसलमेर के थार में अभ्यास करने जा रही है. जिसके लिए पूर्वाभ्यास के तौर पर रेगिस्तान में पिछले कई दिनों भारतीय सेना अपनी मारक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन कर रही है.

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इस दशक के सबसे बड़े सिन्धु सुदर्शन नामक इस युद्धाभ्यास का दूसरा व अंतिम चरण कल से प्रारम्भ हो रहा है. यह युद्धाभ्यास जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में कल से शुरू होने जा रहा है. जहां दूसरे चरण में भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के अन्तर्गत भोपाल स्थित स्ट्राइक कोर सुदर्शन चक्र वाहिनी के साथ-साथ अन्य कई डिवीजन के साथ ही भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास में करीब 40 हजार सैनिक और अधिकारी हिस्सा लेंगे.

इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के 40 हजार जवान, 450 युद्धक टैंक और गन, कई प्रकार के गाइडेड बम, अपनी कॉम्बैट डीप स्ट्राइक क्षमता में युद्धकालीन परिस्थितियों के तौर तरीकों का अभ्यास कर रहे हैं. अभ्यास में पहली बार भारत में निर्मित के-9 वज्र गन जोरदार मारक क्षमता का प्रदर्शन कर रही है. यह गन हाल ही में भारतीय सेना में शामिल की गई है और यह सेना में शामिल सबसे लंबी दूरी पर मार करने वाली गन है.

यह गन अभ्यास के दौरान दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर अचूक निशाना साधकर रेगिस्तानी क्षेत्र में जलजला पैदा करेगी. इस युद्धाभ्यास में एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर रुद्र का भी प्रदर्शन किया जाएगा. अभ्यास में टैंक और इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स से युक्त पूरे यंत्रीकृत संरचनाओं से अभ्यास किया जा रहा है. असल में समय-समय पर भारतीय सेना अपनी युद्ध रणनीति में बदलाव करती रहती है. वर्तमान में तैयार की गई नई रणनीति के तहत महज 48 घंटों ने जबरदस्त प्रहार के साथ आगे बढ़ते हुए दुश्मन के बड़े भूभाग पर कब्जा जमाने की नई रणनीति तैयार की गई है.

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जिसे परखने के लिए भारतीय सेना के चालीस हजार से अधिक जवान व अधिकारी थार के रेगिस्तान में पसीना बहा रहे है. भारतीय सेना पूर्व सुदर्शन चक्र वाहिनी का पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाकों व पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में पूर्व युद्धाभ्यास शुरू हो चुका है. जिसमें अपनी मारक क्षमता का परीक्षण करने के लिए काल्पनिक युद्ध का अभ्यास सिंधु सुदर्शन नामक फायर पावर डेमोस्ट्रेशन का आयोजन दक्षिणी सेना के सुदर्शन चक्र कोर द्वारा किया जा रहा है.

महज 48 घंटे में दुश्मन के ठिकानों को फतह करने के लक्ष्य से थल सेना की टुकड़ियां एक इलाके में युद्ध जैसा नजारा प्रस्तुत कर रही है. टैंको, गन और रॉकेट लॉन्चर सहित बमों की आवाज से पाकिस्तान की सीमा के भीतर भी कड़ा संदेश पहुंचाया जा रहा है.

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