झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

गौमाता को बचाइये सरकार, गौशाला न्यास समिति की पुकार

कोरोना महसंकट ने इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. लॉकडाउन के कारण चारा और दाना की कीमत बढ़ गई है. आलम ऐसा है कि पशुओं को उनका चारा तक नहीं मिल पा रहा. इसकी पड़ताल ईटीवी भारत की टीम ने रांची स्थित गौशाला में की. देखें खास रिपोर्ट.

The price of animal feed has increased due to the lockdown in ranchi
गौशाला न्यास समिति

By

Published : Apr 8, 2020, 5:50 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना ने क्या इंसान और क्या पशु-पक्षी सभी को प्रभावित किया है. कहते हैं मुसीबत के वक्त इंसान एक वक्त का भोजन किए बगैर भी जिंदा रह सकता है लेकिन जानवर भूख बर्दाश्त नहीं कर पाते. लॉकडाउन के कारण चारा और दाना की आसमान छूती कीमत से पशुपालक तो परेशान हैं ही पर सबसे ज्यादा परेशानी गौ सेवा के नाम पर समिति चलाने वालों को हो रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-'सुरक्षा कोविड-19' ऐप जिले में होम क्वॉरेंटाइन लोगों की देख रेख के लिए सहायक

ईटीवी भारत की टीम ने रांची गौशाला न्यास समिति की ओर से कांके के सुकुरहुटू में संचालित गौशाला की व्यवस्था की पड़ताल की. यहां रखे गए पशुओं की हालत देखकर अंदाजा लगाते वक्त नहीं लगा कि किसी तरह से इसका संचालन हो रहा है. रांची गौशाला न्यास समिति के सचिव ज्योति से बाजार से पूरी व्यवस्था पर बातचीत की. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि लॉकडाउन के कारण पशुओं के चारे में करीब 2 गुना वृद्धि हो गई है. सुकुरहुटू में मौजूद पशुओं पर लॉकडाउन के पहले जहां प्रतिदिन सवा लाख रुपए खर्च होते थे वह अब बढ़कर दो लाख रुपए हो गए हैं. ऐसे वक्त में सरकार को आर्थिक मदद करनी चाहिए ताकि बेजुबानों की रक्षा हो सके.

गौशाला पर 1023 पशुओं को पालने की जिम्मेदारी

रांची गौशाला न्यास की तरफ से रांची में तीन गौशाला का संचालन होता है. हरमू स्थित गौशाला में 300 पशु है. हुटूप स्थित गौशाला में 318 पशु और सुकरहुटू स्थित गौशाला में 405 पशु. खास बात है कि सुकुरहुटू में 405 जानवरों में से महज 140 जानवर ही दूध देते हैं. शेष जानवरों को जिंदा रखना मुश्किल हो रहा है. गौशाला में 45 लोग जुड़े हैं और उन सभी को मानदेय भी देना पड़ता है. ऐसे में 108 एकड़ क्षेत्र में फैले इस गौशाला के सफल संचालन में बहुत दिक्कत हो रही है.

सरकार से नहीं मिलता कोई सहयोग

सबसे खास बात है कि इस गौशाला में लोग वैसे पशुओं को लाकर भी छोड़ते हैं जो या तो दूध देना बंद कर देते हैं या लाचार हो जाते हैं. इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र में घूमने वाले आवारा पशुओं को भी यहां लाया जाता है. गौ तस्करी से छुड़ाए गए पशु भी यहां लाए जाते हैं. रघुवर सरकार के वक्त रांची गौशाला न्यास के साथ समझौता हुआ था तब कहा गया था कि प्रशासन की तरफ से गौशाला को दिए जाने वाले पशुओं की देखरेख के लिए प्रति पशु प्रतिदिन 50 रु क्षमा तक दिए जाएंगे लेकिन आज तक एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली.

ABOUT THE AUTHOR

...view details