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The Jharkhand Prevention of Mob Violence and Mob Lynching Bill 2021: मंगलवार को सदन में विधेयक लाएगी सरकार - प्रस्तावित बिल पर राजनीति शुरू

झारखंड में मॉब लिंचिंग के खिलाफ शीतकालीन सत्र में सरकार विधेयक लाएगी. प्रस्तावित विधेयक का नाम The Jharkhand Prevention of Mob Violence and Mob Lynching Bill 2021 रखा गया है.

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झारखंड में मॉब लिंचिंग

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Published : Dec 20, 2021, 6:20 PM IST

Updated : Dec 20, 2021, 7:35 PM IST

रांचीः झारखंड में मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा रोकने के लिए कानून बनने जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा तैयार विधेयक मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में लाने की तैयारी है. प्रस्तावित विधेयक का नाम The Jharkhand Prevention of Mob Violence and Mob Lynching Bill 2021 रखा गया है.

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मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने को लेकर झारखंड सरकार तत्पर दिखाई दे रही है. इसी को लेकर इस प्रस्तावित विधेयक को विधानसभा पटल पर लाने से पहले इस प्रारूप को सभी विधायकों को आपत्ति, संशोधन एवं उनकी राय जानने के लिए दी गयी है. प्रारुप के अनुसार राज्य के अंदर लिंचिग रोकने की दिशा में मॉनिटरिंग और समन्वय के लिए आईजी स्तर के एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा, इन्हें नोडल अफसर कहा जाएगा. इतना ही नहीं प्रारूप में मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया है. किसी ऐसी भीड़ द्वारा धार्मिक, रंगभेद, जाति, लिंग, जन्मस्थान, भाषा सहित कई ऐसे ही आधार पर हिंसा या हिंसक घटनाओं के कारण किसी की हत्या का कारण बन जाए, इस तरह की घटनाओं को मॉब लिंचिंग कहा जाएगा. दो या दो से ज्यादा लोगों के समूह को मॉब कहा जाएगा.

झारखंड में मॉब लिंचिंग विधेयक


प्रस्तावित बिल पर राजनीति शुरू
सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा रोकने को लेकर तैयार बिल पर सियासत शुरू हो गयी है. सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने इसका स्वागत करते हुए दंड के प्रावधान में संशोधन करते हुए उम्र कैद की जगह सरकार से मृत्यु दंड की सजा का प्रावधान करने की मांग की है. इरफान अंसारी ने पिछली भाजपा सरकार में बड़े पैमाने पर मॉब लिंचिंग की घटना होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक 60 लोग इसके शिकार हुए हैं.

भाजपा विधायक सीपी सिंह और अमर बाउरी ने बिल पर संशोधन लाने की मांग करते हुए कहा है कई ऐसे प्रावधान अभी दिए गए हैं जो एक राजनीतिक दलों को टारगेट करके बनाया गया है. सीपी सिंह ने कहा है कि प्रारुप ऐसा नहीं होना चाहिए जिससे एक धर्म और सम्प्रदाय विशेष को ही इसका लाभ मिल सके. वहीं अमर बाउरी ने कहा कि इसमें संशोधन को लेकर वो सदन में मंगलवार को मांग करेंगे. माले विधायक विनोद सिंह ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पीड़ितों को क्या मुआवजा मिलेगा, इस पर कोई प्रावधान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर वो सदन में संशोधन प्रस्ताव लाएंगे.

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मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा जैसे अपराध में दंड का प्रावधान

मॉब लिंचिग और मॉब वायलेंस जैसे जघन्य अपराध के लिए कड़े दंड का प्रावधान करते हुए सरकार ने इसे गैर-जमानतीय अपराध की श्रेणी में रखा है. अपराध के अनुसार ही दंड का प्रावधान किया गया है. इसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान होगा. सामान्य हिंसा और पीड़ित के घायल होने की अवस्था में तीन साल की सजा के साथ एक लाख का आर्थिक दंड होगा. इसकी रोकथाम के लिए नियुक्त नोडल ऑफिसर स्थानीय खुफिया तंत्रों के साथ नियमित बैठक करेंगे. कम से कम महीने में एक बार होनेवाली बैठक में ऐसी सभी आशंकाओं, संभावनाओं प्रवृतियों को रोकने के लिए चिन्हित करेंगे. हरेक जिला में एसपी या एसएसपी अपने जिला में मॉब वायलेंस और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को रोकने की दिशा में कोऑर्डिनेट करेंगे, जिनकी सहायता के लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी होंगे.

Last Updated : Dec 20, 2021, 7:35 PM IST

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