रांचीः झारखंड में मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा रोकने के लिए कानून बनने जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा तैयार विधेयक मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में लाने की तैयारी है. प्रस्तावित विधेयक का नाम The Jharkhand Prevention of Mob Violence and Mob Lynching Bill 2021 रखा गया है.
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मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून बनाने को लेकर झारखंड सरकार तत्पर दिखाई दे रही है. इसी को लेकर इस प्रस्तावित विधेयक को विधानसभा पटल पर लाने से पहले इस प्रारूप को सभी विधायकों को आपत्ति, संशोधन एवं उनकी राय जानने के लिए दी गयी है. प्रारुप के अनुसार राज्य के अंदर लिंचिग रोकने की दिशा में मॉनिटरिंग और समन्वय के लिए आईजी स्तर के एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा, इन्हें नोडल अफसर कहा जाएगा. इतना ही नहीं प्रारूप में मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया है. किसी ऐसी भीड़ द्वारा धार्मिक, रंगभेद, जाति, लिंग, जन्मस्थान, भाषा सहित कई ऐसे ही आधार पर हिंसा या हिंसक घटनाओं के कारण किसी की हत्या का कारण बन जाए, इस तरह की घटनाओं को मॉब लिंचिंग कहा जाएगा. दो या दो से ज्यादा लोगों के समूह को मॉब कहा जाएगा.
प्रस्तावित बिल पर राजनीति शुरू
सरकार द्वारा मॉब लिंचिंग और भीड़ हिंसा रोकने को लेकर तैयार बिल पर सियासत शुरू हो गयी है. सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने इसका स्वागत करते हुए दंड के प्रावधान में संशोधन करते हुए उम्र कैद की जगह सरकार से मृत्यु दंड की सजा का प्रावधान करने की मांग की है. इरफान अंसारी ने पिछली भाजपा सरकार में बड़े पैमाने पर मॉब लिंचिंग की घटना होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक 60 लोग इसके शिकार हुए हैं.