रांची: चान्हो प्रखंड के सिलागाईं में वीर बुधू भगत की 228 वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर विकास मेला का भी आयोजन किया गया. वहीं, मौके पर वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने वीर बुधू भगत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया.
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कोल विद्रोह के महानायक वीर बुधू भगत को याद करते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि जब बड़े-बड़े राजा-महाराजाओं ने अंग्रेजों के सामने घुटने टेक दिये थे तब इस ऐतिहासिक और बलिदानी पुरुष ने झारखंड में अंग्रेजों से लोहा लेने का काम किया था. वीर बुधू भगत अंग्रेजों के सामने कभी झुके नहीं. उन्होंने कहा कि वीर बुधू भगत ने अंग्रेजों के विरुद्ध जो विद्रोह किया था वह इतिहास में उल्लेखनीय है. इससे पहले इस तरह का विद्रोह कभी नहीं हुआ था. ये हमारे राज्य और आदिवासियों के लिये गौरव की बात है.
डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड के अलग राज्य के गठन की शुरुआत भी आंदोलन से हुई. लेकिन आज राज्य की जो स्थिति है वह किसी से छिपी नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार वीर बुधू भगत, बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हू और चांद-भैरव के सपने को पूरा करने का प्रयास करेगी.
रामेश्वर उरांव ने शहीद के वंशजों के लिए विशेष योजना के तहत कार्य करने, भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए सबको आगे आने की बात कही. इस दौरान स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉ दिवाकर मिंज ने विस्तार से वीर बुधू भगत की जीवनी, संघर्ष और बलिदान पर प्रकाश डाला और जिला परिषद सदस्य हेमलता उरांव ने स्मारक समिति का 9 सूत्री मांग पत्र डॉ रामेश्वर उरांव को दिया.