रांची: झारखंड के 250 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू कर दी गई है. अभिभावकों की सहमति के बाद झारखंड के स्कूलों में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू करने के लिए सरकार ने पहल की है. जनजातीय भाषा में के पढ़ाई के तहत कक्षा 3 तक बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा दिया जाएगा.
झारखंड के 250 सरकारी विद्यालयों में शुरू हुई जनजातीय भाषा में पढ़ाई, कक्षा तीन तक मातृभाषा में मिलेगी शिक्षा - Tribal language in Jharkhand schools
झारखंड में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू कर दी गई है. राज्य के 250 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में अभिभावकों की सहमति के बाद सरकार ने ये पहल की है. इसके तहत कक्षा 3 तक के बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा दिया जाएगा.
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पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू हुई पढ़ाई: झारखंडराज्य शिक्षा परियोजना की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में ढाई सौ प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू हुई है. इस अभियान में 46 हजार स्कूलों को चुना गया था.पहले ढाई सौ चयनित स्कूलों में से 17 विद्यालयों के अभिभावकों ने जनजातीय भाषा में पढ़ाई को लेकर सहमति नहीं दी थी. उन्होंने आपत्ति जाहिर कर कहा था कि जो बच्चे जनजातीय भाषा नहीं जानते हैं वह कैसे पढ़ाई करेंगे. हालांकि नए सिरे से एक बार फिर रिपोर्ट तैयार करते हुए राज्य सरकार ने जहां उस भाषा को बोलने वाले 70 फीसदी या उससे अधिक बच्चे नामांकित है. वहीं इसकी पढ़ाई शुरू करवाई है.
शिक्षकों को दी गई है प्रशिक्षण: झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना ने ढाई सौ स्कूलों में जनजातीय भाषा में कक्षा तीन तक की पढ़ाई शुरू की है. नई शिक्षा नीति के तहत प्राथमिक कक्षा की पढ़ाई बच्चों को मातृभाषा में देने के लिए जोर दिया गया है. इसके तहत खूंटी में मुंडारी ,लोहरदगा में कुडुख, पश्चिमी सिंहभूम में हो, गुमला सिमडेगा में खड़िया और साहिबगंज में संताली भाषा में पढ़ाई शुरू की गई है .इसे लेकर संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया गया है .जेसीईआरटी ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर ऐसे शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया है. इसके अलावा पठन-पाठन को लेकर जिला शिक्षा समिति भी गठित की गई है .ताकि जनजातीय भाषा से जुड़े स्कूलों में पठन-पाठन सही तरीके से संचालित की जा सके.