रांची: सरकार द्वारा वित्त रहित शिक्षकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने के बाद राजभर के लगभग 20 हजार वित्त रहित शिक्षक अब संघर्ष के रास्ते पर चल पड़े हैं. इसी क्रम में गुरुवार को रांची के मोराबादी स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. इनका कहना है कि जब तक वित्त रहित शिक्षक नीति समाप्त करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी कि गठन करने के साथ-साथ उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं देती है, तब तक शिक्षक अपनी मांगों को मनवाने को लेकर आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे.
शिक्षक दिवस के मौके पर गुरूजी हैं नाराज, वेतन के लिए बैठे अनशन पर - रांची के मोराबादी
एक तरफ जहां पूरे देश भर में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर राजधानी रांची में झारखंड राज्य वित्त रहित शिक्षक संयुक्त समिति मोर्चा के बैनर तले वेतन नहीं मिलने पर हजारों शिक्षक अनशन पर बैठे और सरकार से अपनी मांगों को लेकर न्याय की मांग कर रहे हैं.
आमरण अनशन पर बैठे शिक्षक
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अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि 20 हजार से ज्यादा शिक्षक जो 20-25 प्रतिशत विगत बिना वेतन के काम कर रहें है. उन्होंने बार-बार आंदोलन और धरना प्रदर्शन भी किया, लेकिन सिर्फ आशवासन दिया गया. अपनी लंबे समय से अपनी मांगों के समर्थन में संघर्षरत वित्त रहित शिक्षक अपनी मांगों को मनवाने के लिए राज्य के मुखिया तक से बात की है लेकिन इनकी मांगें अब तक पूरी नहीं की गई.