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हरियाणा की तर्ज पर बनी है शिक्षकों के लिए स्थानांतरण नीति, बरती गई है पारदर्शिता: शिक्षा मंत्री - झारखंड समाचार

अब शहरी क्षेत्र में सरकारी शिक्षक 5 साल से ज्यादा नहीं रह सकेंगे. दरअसल मंगलवार को हुई राज्य मंत्री परिषद की बैठक में सरकारी विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधान अध्यापकों और शिक्षकों के तबादला नीति को मंगलवार को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है.

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Published : Aug 1, 2019, 10:00 AM IST

Updated : Aug 1, 2019, 10:46 AM IST

रांची: मंगलवार को राज्य मंत्री परिषद की एक बैठक हुई जिसमें सरकारी विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानअध्यापक और शिक्षकों के तबादला नीति के बारे में बताया गया और इस नीति को स्वीकृति प्रदान की गई. साथ ही शिक्षा मंत्री ने तबादला नीति पर काफी विचार-विमर्श किया.

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5 जोन का किया गया निर्धारण
शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गई नई तबादला नीति बन जाने से अब किसी भी शिक्षकों की शिकायत नहीं रहेगी. उनके स्थानांतरण में पारदर्शिता रहेगी. इस नीति के तहत शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए सभी जिलों को 5 जोन में बांटकर निर्धारण किया गया है. संबंधित जिले की स्थापना समिति द्वारा जोन का निर्धारण किया जाएगा. जोन वन में अब किसी शिक्षक को 5 साल से अधिक समय तक पदस्थापित नहीं किया जाएगा.


जानें कौन-कौन हैं इस जोन में
जोन वन में शहरी क्षेत्र और जोन 5 में दुर्गम पहाड़ी और नक्सल प्रभावित क्षेत्र को रखा गया है. इस जोन में 5 साल से अधिक समय तक पदस्थापित नहीं करने को लेकर निर्णय लिया गया है. अगर इससे अधिक समय तक वे निर्धारित स्थान पर पदस्थापित रहते हैं तो संबंधित शिक्षक को एचआरए और टीए का लाभ नहीं मिलेगा. जोन 5 में किसी भी शिक्षक को 5 साल के बाद एक टर्म से अधिक भी रखने का प्रावधान किया गया है.

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इस नीति को लेकर शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा है कि यह नीति हरियाणा की तर्ज पर है और काफी सरल है, इससे शिक्षकों को फायदा मिलेगा. इस नीति के तहत दिव्यांग महिला और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों के लिए खास प्रावधान किया गया है. हरियाणा के स्थानांतरण नीति के साथ ही विभिन्न राज्यों के नीतियों के अध्ययन और काफी गहन चिंतन मंथन के बाद विभाग ने ये नीति बनाई है. तब जाकर कैबिनेट में इस पर मुहर लगी है.

Last Updated : Aug 1, 2019, 10:46 AM IST

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