रांचीः सुप्रीम कोर्ट में अब 4 अगस्त को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खनन पट्टा मामला और शेल कंपनी से जुड़े मामले की सुनवाई होगी. इन दोनों मामलों में झारखंड हाई कोर्ट की ओर से दिए आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसे सुनवाई के लिए कोर्ट ने स्वीकृति दी है.
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अदालत के इस निर्णय से हेमंत सोरेन को राहत मिली है. बता दें कि इससे पहले कई बार याचिका की सुनवाई नहीं हुई थी. 28 जुलाई को ही मामले पर सुनवाई होनी थी. लेकिन वह नहीं हो सकी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम से खनन पट्टा लेने के मामले में याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मामले की जांच की मांग की है. दोषी पाए जाने पर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है.
हेमंत सोरेन के खिलाफ शिव शंकर शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. यह कहते हुए हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उन्होंने याचिका के माध्यम से यह आरोप लगाया है कि यह जनहित याचिका जनहित का नहीं है. राजनीतिक विद्वेष से दायर किया गया याचिका है. इसलिए यह जनहित याचिका नहीं है. यह सुनवाई के योग्य नहीं है. झारखंड हाई कोर्ट ने मामले को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई शुरू कर दी. इसके बाद हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. उसी याचिका पर सुनवाई होनी है.