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RJD नेता सुभाष यादव के बयान से कोडरमा की राजनीति में खलबली, बाबूलाल मरांडी का कर रहे विरोध

कोडरमा में तीन प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है. चतरा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे सुभाष यादव के बयान ने कोडरमा की राजनीति में खलबली मचा दी है. हालांकि राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने महागठबंधन के प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी को समर्थन देने की बात कही है.

सुभाष यादव

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Published : May 5, 2019, 7:43 PM IST

रांची: कोडरमा में तीन प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है. भाजपा से अन्नपूर्णा देवी तो जेवीएम से महागठबंधन के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी भी इसबार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राज्य के दोनों कद्दावर नेता को कड़ी टक्कर दे रहे हैं भाकपा माले के विधायक और प्रत्याशी राजकुमार यादव.

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बाबूलाल मरांडी को समर्थन देने की बात
वहीं, लालू यादव और उनके परिवार के करीबी माने जाने वाले नेता और चतरा से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे सुभाष यादव के बयान ने कोडरमा की राजनीति में खलबली मचा दी है. हालांकि राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा ने महागठबंधन के प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी को समर्थन देने की बात कही है. लेकिन लालू यादव से मुलाकात करने के बाद सुभाष यादव का इस तरह का बयान कहीं न कहीं कोडरमा की राजनीतिक सरगर्मी को और भी तेज करती है.

क्यों हुए सुभाष यादव नाराज
सुभाष यादव की नाराजगी की वजह यह है कि बाबूलाल मारंडी ने चतरा में लोगों से सुभाष यादव के विरोध में वोट करने की अपील की थी. जो उन्हें नागवार गुजरा. इसलिए उन्होंने महागठबंधन के नियमों की सीमा तोड़कर बाबूलाल मरांडी के खिलाफ मुहिम छेड़ दी और भाकपा माले के प्रत्याशी राजकुमार यादव के समर्थन की बात कही.

जीत का दावा
वहीं, माले को समर्थन देने की बात और सुभाष यादव के इस बयान का भाकपा माले के नेता अपने फायदे के रूप में देख रहे हैं. कोडरमा में सुभाष यादव के समर्थन से राजकुमार यादव की जीत के दावे कर रहे हैं.

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कोडरमा की राजनीतिक सरगर्मी तेज
अब ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सुभाष यादव जो लालू यादव और उनके परिवार के करीबी माने जाते हैं, उस सुभाष यादव के द्वारा महागठबंधन के प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी के खिलाफ यह बयान कोडरमा की राजनीतिक सरगर्मी निश्चित रूप से तेज करता है.

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