रांचीः झारखंड फार्मेसी इंस्टीट्यूट (Jharkhand Pharmacy Institute) के विद्यार्थियों की परीक्षा नहीं ले जाने से 2017-19 बैच के छात्र-छात्राओं के भविष्य आधार में दिख रहा है. कॉलेज प्रशासन कोरोना का हवाला देकर परीक्षा टाल रहा है.
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कोरोना (Corona) को लेकर छात्रों की दलील है कि साल 2019 में मुख्य परीक्षा (Main Exam) ली जा सकती थी, उस वक्त कोरोना जैसे हालात नहीं थे. उनका बैच 2019 में ही खत्म हो जाता, उनकी परीक्षा ना लेकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. इसी नाराजगी को लेकर लगातार आंदोलन किया गया. इसी कड़ी में छात्र-छात्राओं ने कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (NSUI) के नेतृत्व में इंस्टीट्यूट का तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन किया और कॉलेज प्रबंधन से परीक्षा कराने की मांग की.
2019 में ही ली जा सकती था परीक्षा
सत्र 2017-19 के विद्यार्थियों के मुख्य परीक्षा काउंसिल की ओर से अब तक नहीं ली गई है. परीक्षा नहीं लिए जाने से लगभग 800 विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं. विद्यार्थी परीक्षा के लिए तैयारी भी कर चुके हैं, पर कोरोना की वजह से अब तक परीक्षा लेने की दिशा में कोई निर्देश जारी नहीं किया है. विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान पठन-पाठन की व्यवस्था वर्चुअल व्यवस्था से चल रही है. मौजूदा समय में फिजिकल तौर पर काउंसिल परीक्षा लेने में असमर्थ है तो वर्चुअल व्यवस्था से परीक्षा क्यों नहीं ली जा रही है.
विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा नहीं देने से विद्यार्थियों की 3 साल की मेहनत पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. ऐसे में लगातार काउंसिल की ओर से मनमानी तरीके से कहा जाता है कि अभी वो परीक्षा लेने में असमर्थ हैं, जिसकी वजह से विद्यार्थियों की भविष्य अधर में नजर आ रहा है.