रांची: एक बार फिर जेपीएससी परीक्षा को लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है. सातवीं से लेकर दसवीं जेपीएससी परीक्षा में प्रारंभिक स्तर पर स्पष्ट जानकारी अभ्यर्थियों को नहीं है. इसी वजह से मामला एक बार फिर तूल पकड़ सकता है.
7वीं, 9वीं और 10वीं जेपीएससी परीक्षा में प्रारंभिक स्तर पर आरक्षण प्रावधान के स्पष्ट नहीं होने से जेपीएससी के अभ्यर्थियों ने मोरहाबादी मैदान में धरना देकर विरोध दर्ज कराया है. अभ्यर्थियों की माने तो जैसा कि पिछले दिनों विकास आयुक्त की अध्यक्षता में विवादित जेपीएससी में सुधार के लिए गठित समिति ने प्रारम्भिक स्तर पर आरक्षण में कोई सुधार नहीं किया और रिपोर्ट सौंप दी. ऐसे ही मामले को लेकर छठी जेपीएससी परीक्षा 5 साल तक विवादित रही है, जिससे झारखंड के युवाओं के साथ छल किया गया.
7वीं से लेकर 10वीं जेपीएससी परीक्षा में भी आ सकती है अड़चन, आरक्षण नीति को लेकर छात्रों का प्रदर्शन
7वीं, 9वीं और 10वीं जेपीएससी परीक्षा में प्रारंभिक स्तर पर आरक्षण प्रावधान के स्पष्ट नहीं होने से जेपीएससी के अभ्यर्थियो ने मोरहाबादी मैदान में धरना देकर विरोध दर्ज कराया है. छात्रों का आरोप है कि उनकी ओर से लोकतांत्रिक तरीके से किए जा रहे हैं आंदोलन को दबाने की लगातार कोशिश हो रही है. बुधवार को भी प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देकर धरना दे रहे छात्रों को परेशान किया है.
छात्रों का आरोप
छात्रों का आरोप है कि उनकी ओर से लोकतांत्रिक तरीके से किए जा रहे हैं आंदोलन को दबाने की लगातार कोशिश हो रही है. बुधवार को भी प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देकर धरना दे रहे छात्रों को परेशान किया है.
स्पष्ट आरक्षण नीति की मांग
स्पष्ट आरक्षण नीति की मांग कर रहे अभ्यार्थी इमाम सफी ने कहा जेपीएससी में फिर से आरक्षण खत्म करके आदिवासी-मूलवासी के साथ छल करने का षड्यंत्र चल रहा है. हेमंत सरकार एक वर्ष में न नौकरी, न पेंशन, न स्थानीय नीति और न ही नियोजन नीति बना सकी. सरकार से एक ही मांग है कि आगामी जेपीएससी में प्रारंभिक स्तर पर आरक्षण लागू करे.