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Father Stan Swamy Death: स्टेन स्वामी की मौत की जांच के लिए कोर्ट जाने की तैयारी, बड़े वकीलों के साथ हो रही बात

ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट (Human Rights Activist) फादर स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) की मौत के बाद कई समाजिक कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. वहीं, रांची के सहायक बिशप ने बताया कि JESUITS(सोसाइटी ऑफ जीसस) के प्रतिनिधियों की एक टीम बनाई गई है, उसमें शामिल प्रतिनिधि बड़े वकीलों के साथ यह मंथन कर रहे हैं कि कोर्ट में स्टेन स्वामी की मौत की जांच को लेकर किस तरह पहल की जाए.

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Published : Jul 6, 2021, 3:58 PM IST

Updated : Jul 6, 2021, 5:00 PM IST

Father Stan Swamy Death
फादर स्टेन स्वामी

रांची:भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाए गए फादर स्टेन स्वामी(Father Stan Swamy) का सोमवार को मुंबई के अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. रांची के रहने वाले फादर स्टेन के निधन के बाद बिशप हाउस की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई है. रांची के सहायक बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने स्टेन स्वामी के निधन को एक बड़ी साजिश बताया है. सहायक बिशप के अनुसार स्टेन बुजुर्ग थे और जीवन भर गरीब आदिवासियों की लड़ाई लड़ते रहे, इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया.

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भीमा कोरेगांव(Bhima Koregaon) कभी नहीं गए थे स्टेन

सहायक बिशप ने बताया कि जब उनकी फादर स्टेन से हुई थी तो उन्होंने कहा था कि वे कभी भीमा कोरेगांव गए ही नहीं थे. एक निर्दोष बुजुर्ग को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया उसी समय सुरक्षा एजेंसियों के इरादे स्पष्ट हो गए थे. थियोडोर मास्करेन्हास ने कहा कि फादर स्टेन के साथ जो हुआ वह किसी दुश्मन के साथ भी नही होना चाहिए.

सहायक बिशप थियोडोर मास्करेन्हास

स्टेन स्वामी ने NIA पर लगाए थे कई आरोप

भीमा कारेगांव केस में गिरफ्तारी के पूर्व स्टेन स्वामी ने एनआईए पर कई आरोप लगाए थे. एक वीडियो और लिखित संदेश के जरिए उन्होंने एनआईए पर गंभीर आरोप लगाए थे. स्टेन स्वामी ने दावा किया था कि एनआईए(NIA) के अधिकारियों ने छलपूर्वक कई दस्तावेज और जानकारी उनके कंप्यूटर में डाले थे जिनकी जानकारी उन्हें नहीं थी. इसके बाद उन्हें भीमा कोरेगांव केस में आरोपी बनाया गया.

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मौत की जांच के लिए बनाई गई JESUIT की टीम

मौत की जांच के लिए बनाई गई JESUIT (सोसाइटी ऑफ जीसस) की टीम सहायक बिशप ने बताया कि सोसाइटी ऑफ जीसस के प्रतिनिधियों की एक टीम बनाई गई है, उसमें शामिल प्रतिनिधि बड़े वकीलों के साथ यह मंथन कर रहे हैं कि कोर्ट में स्टेन स्वामी की मौत की जांच को लेकर किस तरह पहल की जाए. टीम यह निर्णय लेगा कि कब कोर्ट का रुख किया जाए ताकि स्वामी के मौत की न्यायिक जांच की मांग की जा सके.

भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए ने किया था गिरफ्तार

फादर स्टेन स्वामी की पहचान मानवाधिकार कार्यकर्ता(human rights activist) की थी, लेकिन पुणे में भीमा कारोगांव कांड के बाद पहले स्टेन स्वामी महाराष्ट्र एटीएफ(Maharashtra ATF) और फिर एनआईए(NIA) की रडार पर आ गए थे. 8 अक्तूबर 2020 को एनआईए ने स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें माओवादी करार कर उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई. मुंबई में जेल में रहने के दौरान खुद को पार्किंसन समेत अन्य गंभीर बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत की मांग की थी, लेकिन एनआईए ने हर बार जमानत का विरोध किया. सोमवार को भी दिन के डेढ़ बजे जब स्टेन स्वामी की मौत हुई, बॉम्बे हाईकोर्ट(Bombay high court) में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. तब स्टेन स्वामी के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल की मौत हो चुकी है. मौत के पूर्व स्टेन स्वामी ने यूएपीए एक्ट (UAPA) हटाने को लेकर भी याचिका दायर की थी.

Last Updated : Jul 6, 2021, 5:00 PM IST

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