रांची: 'क्यों जरूरी है टाइगर' इसी विषय को लेकर ग्लोबल टाइगर डे के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के 90.4 एफएम रेडियो खांची में दिन भर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. वीसी रमेश कुमार पांडे के अलावा कई विशेषज्ञ अपनी-अपनी राय रख रहे हैं और भारत के राष्ट्रीय पशु के संरक्षण को लेकर भी विशेष रूप से चर्चाएं की जा रही है.
बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक उत्सव मनाया जाता है और इस उत्सव का नाम है ग्लोबल टाइगर डे. हर साल 29 जुलाई के दिन विशेष तरीके से मनाया जाता है. हमारे देश के लिए यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है. देश की शक्ति- बुद्धि और धीरज का प्रतीक माना जाता है. पूरे देश में पाए जाने वाले बाघ को लेकर विशेषज्ञ अपनी चिंता भी व्यक्त कर रहे हैं. धीरे-धीरे बाघ भी कम हो रहे हैं. 'बाघ क्यों जरूरी है' इस विषय को लेकर लगातार गहन चिंतन- मंथन भी किया जा रहा है. बाघ को वन्य जीवों के लुप्त होती प्रजाति की सूची में भी अब रखा गया है. 'सेव द टाइगर' जैसे राष्ट्रीय अभियान को तेजी लाकर बाघ को इस सूची से हटाने की जरूरत है.
रेडियो खांची में विशेष प्रस्तुति