रांची: कोरोना को हराने के लिए पूरा देश एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है. झारखंड सरकार और जिला प्रशासन अपने-अपने स्तर पर बचाव के उपाय के साथ-साथ इस बात को सुनिश्चित करने में जुटा है कि किसी के सामने भुखमरी की नौबत ना आए. विपदा की इस घड़ी में रांची नगर निगम की भूमिका बेहद अहम हो जाती है क्योंकि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई की व्यवस्था सबसे ज्यादा जरूरी है.
मेयर आशा लकड़ा का स्पेशल इंटरव्यू ये भी पढ़ें-लॉकडाउन में बुरे फंसे प. बंगाल के नाट्य कलाकार, आए थे रंगमंच सजाने अब दाने-दाने को हुए मोहताज
नगर निगम क्षेत्र में किए जा रहे कार्य को लेकर जब निगम प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चूंकि नगर निगम का काम सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करना है. इसके बावजूद उनकी तरफ से लगातार कोशिश जारी है. निगम क्षेत्र में फंसे मजदूर और बेसहारा लोगों को भोजन मिल सके इसे लेकर उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी वार्ड के सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है और उनके स्तर से सभी वार्ड में गरीबों के बीच भोजन मुहैया कराई जा रही है.
जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है और जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है वैसे लोगों को चिन्हित कर वार्ड सदस्यों के माध्यम से राशन मुहैया कराया जा रहा है. मेयर ने कहा कि कई जगह से ऐसी बात सामने आई है कि अनाज मिलने के बाद कोयला और एलपीजी नहीं रहने से लोगों का भोजन पकाना मुश्किल हो रहा है लिहाजा इस दिशा में जिला प्रशासन को गंभीरता से काम करने की जरूरत है.
सफाई कर्मियों का 10 लाख का बीमा
रांची नगर निगम क्षेत्र के हिंदपीढ़ी मोहल्ले में कोरोना के पॉजिटिव मामले आने के बाद नगर निगम अपने सफाई कर्मियों को लेकर सजग हो गया है. मेयर आशा लकड़ा ने बताया कि उन्हें सिर्फ 50 पीपीई ही मिला है जो काफी नहीं है, इसके बावजूद हिंदपीढ़ी इलाके में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. उन्होंने कहा कि ईश्वर ना करें कि उनके किसी सफाई कर्मी को संक्रमण हो और जान खतरे में पड़े. इसे ध्यान में रखते हुए सफाई कर्मियों का 10-10 लाख का बीमा कराया गया है.
सरकार के कामकाज पर सवाल
आशा लाकड़ा ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार से जिस तरह से काम की उम्मीद की जा रही है वैसा कुछ नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर रही है जबकि केंद्र सरकार की तरफ से 284 करोड़ की राशि राज्य सरकार को दी गई है और राज्य सरकार का यह कर्तव्य है कि मेडिकल जरूरतों को अपने स्तर से पूरा करे.