रांची: रांची विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पढ़ाई और खेल में बेहतर तरीके से सामंजस्य बनाकर चलते हैं. खेल के क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों का परचम विश्व भर में है. इस विश्वविद्यालय के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा बिखेर चुके हैं. खिलाड़ियों को हर संभव मदद विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से पहुंचाई जाती है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए अलग से एग्जामिनेशन कंडक्ट किया जाता है. इसमें पदाधिकारियों की भागीदारी बेहतर दिखती है. खिलाड़ी भी विश्वविद्यालय के इस रवैये से काफी संतुष्ट हैं.
इनमें सिल्ली कॉलेज सिल्ली की अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज मधुमिता का नाम भी शामिल है. कई खेलों में यहां के खिलाड़ी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. रांची विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर खिलाड़ियों का भी पूरा साथ दिया जाता है. खिलाड़ियों को किसी भी तरीके की परेशानी ना हो, इसकी पूरी व्यवस्था विश्वविद्यालय की ओर से की जाती रही है. बाकायदा विश्वविद्यालय प्रशासन ने खेल से जुड़ी तमाम गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए एक टीम बनाई रखी है. इस टीम की निगरानी खुद प्रति कुलपति कामिनी कुमार करती हैं. विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू पीके वर्मा हमेशा से ही खिलाड़ियों की परेशानियों को दूर करने की कोशिश करते हैं.
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पढ़ाई और खेल में होती है तालमेल बनाने में परेशानी
खिलाड़ियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेल में तालमेल रखने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि कॉलेजों के साथ-साथ विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से भी इन खिलाड़ियों को सहायता पहुंचाई जाती है. कोई खिलाड़ी नेशनल इंटरनेशनल गेम खेल रहे होते हैं और उनका एग्जाम बीच में पड़ता है, तो विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अलग से उन खिलाड़ियों के लिए एग्जाम भी कंडक्ट कर दिया जाता है.
खिलाड़ियों के लिए होता है स्पेशल एग्जाम कंडक्ट
स्पेशल एग्जाम का लाभ रांची विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने लिया है. रांची विश्वविद्यालय इन दिनों तीरंदाजी, फुटबॉल, वॉलीबॉल में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. तीरंदाजी के साथ-साथ फुटबॉल के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं. इन खिलाड़ियों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए रांची विश्वविद्यालय एक कदम आगे ही रहता है. रांची विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू पीके वर्मा ने कहा है कि यहां के खिलाड़ियों को पठन-पाठन के अलावा खेल के क्षेत्र में भी पूरी आजादी दी गई है. उन्हें खेल और पढ़ाई में सामंजस्य बनाने के लिए मदद पहुंचाई जाती रही है.
विश्वविद्यालय से खिलाड़ी भी हैं खुश
खिलाड़ियों ने भी विश्वविद्यालय के इस रवैये से प्रसन्नता व्यक्त की है. खिलाड़ियों की मानें, तो विश्वविद्यालय हमेशा ही खिलाड़ियों के साथ खड़ा रहा है. खिलाड़ी अगर बेहतर प्रदर्शन करते हैं और उनका एग्जाम छूटता है तो भी खिलाड़ियों को मदद पहुंचाई जाती है. अगर खिलाड़ी किसी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय टीम में शामिल होने पहुंचे हैं और वह प्रदर्शन बेहतर नहीं भी करते हैं, तब भी विश्वविद्यालय प्रशासन उनका साथ देता है.