रांचीः राज्य सरकार के भवनों को युद्धस्तर पर सोलर सिस्टम से लैस करने की कवायद शुरू हो चुकी है. झारखंड रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (JREDA) ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार किया है. सर्वे में 1400 सरकारी भवनों को चिंहित किया गया था. जिनमें से करीब आधे से ज्यादा भवनों को सोलर सिस्टम से लैस कर दिया गया है. बाकी बचे भवनों में सोलर सिस्टम लगाने की प्रक्रिया चल रही है.
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जरेडा की ओर से तैयार मास्टर प्लान के तहत हुए सर्वे में चिन्हित 1400 सरकारी भवनों में रांची सहित अन्य जिलों के 783 भवनों में सोलर सिस्टम लगा दिया गया है. शेष बचे 617 सरकारी भवनों को इस वित्तीय वर्ष में सोलर सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा. सभी 1400 सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम लग जाने से 19 हजार 845 किलोवाट बिजली उत्पादित होगी. स्वाभाविक रूप से सोलर सिस्टम चालू होने से पारंपरिक ऊर्जा की बचत होगी.
स्वास्थ्य केंद्र, थाना और आवासीय विद्यालय में सबसे पहले लगेगा सोलर सिस्टम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम लगाने का काम इस वर्ष पूरा करने का लक्ष्य जरेडा है. जिसके तहत राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, थाना और आवासीय विद्यालय को प्राथमिकता के आधार पर लगाने का लक्ष्य रखा गया है. जरेडा निदेशक केके वर्मा ने कहा कि जरेडा इस वर्ष हर हाल में बाकी बचे भवनों को सोलर ऊर्जा से रोशन कर देगा.
ऐसा होने से पारंपरिक बिजली की बचत के साथ-साथ विभाग को मुफ्त में बिजली भी मिलती रहेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता इस कदर है कि दो वर्ष में 180 करोड़ इस मद में खर्च किए हैं जबकि पिछली सरकार ने 112 करोड़ सरेंडर कर दिया था. जरेडा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इससे 20 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी, जिससे पारंपरिक बिजली की बचत भी होगी.
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जरेडा प्रोजेक्ट डायरेक्ट ने कहा कि सोलर सिस्टम को लगाने के साथ-साथ मैंटेनेंस भी जरेडा ही करेगा. विभाग की ओर से आईओटी सिस्टम शुरू किया जा रहा है. जिसमें हर सोलर प्लांट में एक चिप लगा रहेगा जिसके जरिए सोलर ऊर्जा उत्पादन में आनेवाली तकनीकी खराबी की जानकारी मुख्यालय को मिलती रहेगी.