रांची: हेहल अंचल के बजरा गांव में विवादित 101 एकड़ से ज्यादा जमीन की जांच को लेकर गठित एसआईटी की रिपोर्ट (SIT Report) गायब हो गई है. इसके बाद से भू-राजस्व विभाग (Land Revenue Department) में हड़कंप मचा हुआ है. इस जमीन मामले में हाई प्रोफाइल लोगों का नाम जुड़ा है. गायब एसआईटी रिपोर्ट (Disappearance of SIT Report) गायब होने को लेकर सरकार की ओर से विभागीय सचिव एल खियांग्ते को जांच की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है. जिसके बाद विभागीय सचिव एल खियांग्ते ने इसकी जांच शुरू कर दी है. दरअसल, मालिकाना हक को लेकर विवादों में आई इस जमीन की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी (SIT) गठित की थी जिसने अपनी रिपोर्ट भू राजस्व विभाग को मार्च 2021 में सौंपी थी.
हेहल अंचल में जमीन की SIT जांच रिपोर्ट गायब, अब रिपोर्ट गायब होने की होगी जांच - land revenue department
रांची के हेहल अंचल के बजरा गांव में विवादित 101 एकड़ जमीन की जांच को लेकर एसआईटी (SIT) का गठन किया गया था. एसआईटी की रिपोर्ट (SIT Report) गायब होने के बाद भू-राजस्व विभाग में हड़कंप मचा गया है. इस जमीन मामले में कई हाई प्रोफाइल लोगों का नाम जुड़ा है. अब विभागीय सचिव एल खियांग्ते ने इसकी जांच शुरू कर दी है कि फाइल किसने गायब की.
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क्या है मामला
रांची के हेहल अंचल के बजरा गांव में 101 एकड़ से ज्यादा का एक भूखंड है. इसकी खाता संख्या 119 है. इसके मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है. अनीता शर्मा एक तरफ से दावा कर रहीं हैं, तो दूसरी तरफ से दशरथ साहू और गणेश साहू इस भूखंड पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं. विवाद में आने के बाद इसके निपटारे के लिए एसआईटी का गठन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर किया गया था. अब उस एसआईटी की रिपोर्ट की पूरी फाइल ही गायब कर दी गई है. फाइल गायब होने की खबर मिलते ही विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जानकारी के मुताबिक फाइल सबसे अंत में सचिव एल खियांग्ते के कमेंट के बाद संयुक्त सचिव अभिषेक श्रीवास्तव के पास गई थी. अभिषेक श्रीवास्तव वर्तमान में इस पद पर नहीं हैं. यह सभी डिटेल विभाग के मूवमेंट रजिस्टर में दर्ज है.
किसने गायब की फाइल
हेहल अंचल की इस जमीन पर काफी विवाद रहा है. इस जमीन में हेराफेरी को लेकर पंडरा थाने में भी मामला दर्ज है. जमीन का असली मालिक कौन है, इसका पता लगाने के लिए विभागीय स्तर पर एसआईटी (SIT) का गठन हुआ था. एसआईटी (SIT) का नेतृत्व संयुक्त सचिव स्तर के अफसर कर रहे थे. फर्जीवाड़ा किसने किया, किसने गलत कागजात बनाए, इन सभी बिंदुओं की जांच की गई थी. जिसमें कई हाईप्रोफाइल नाम शामिल थे. इससे संबंधित सभी दस्तावेज एकत्र किए गए. दावेदारों के बयान भी लिए गए थे. जिसके बाद रिपोर्ट सौंपी गई थी. अब यह पता लगाया जा रहा है कि फाइल कैसे गायब हुई और इसके पीछे किसका हाथ है.