झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

रांची में सरहुल ने भुलाया कोरोना का दर्दः जुलूस में जमकर नाचे लोग, प्रकृति संरक्षण का दिया पैगाम - सरहुल की शोभा यात्रा

रांची में सोमवार को विभिन्न सरना समितियों की ओर से निकाली गयी सरहुल की शोभा यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. नगाड़ा और मांदर की थाप आदिवासी समुदाय के लोग नाचते गाते शहर के अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. जुलूस देखकर ऐसा लग रहा कि मानो सरहुल की खुशी में लोगों ने कोरोना का दर्द भुला दिया है.

Alwart Ekka Chowk
रांची में सरहुल उत्सव ने भुलाया कोरोना का दर्द

By

Published : Apr 4, 2022, 9:22 PM IST

रांचीः सरहुल के उत्साह में लोग कोरोना का दर्द भूल गए हैं. रांची की सड़कों पर बड़ी संख्या में झूमते नाचते गाते लोग दिखे, इसमें युवाओं की संख्या अधिक थी. पारंपरिक गीत संगीत पर नाचते गाते विभिन्न सरना समितियों के लोगों में उत्साह स्पष्ट बता रहा था कि कोरोना के कारण दो वर्ष से सरहुल नहीं मनाने का दर्द इस साल पूरा कर लेंगे. विभिन्न सरना स्थल से शोभा यात्रा निकाली, जो अलबर्ट एक्का चौक पहुंची. अलबर्ट एक्का चौक पर शोभा यात्रा में शामिल लोगों के स्वागत में राजनीतिक कार्यकर्ता से लेकर विधायक और मेयर उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ेंःसरहुल महोत्सव 2022: मांदर की थाप पर झूमे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कहा- त्योहार आदिवासी सभ्यता की पहचान

आदिवासी परंपरा से सराबोर यह त्योहार इस बार खास तरह से लोगों ने मनाया. सरहुल की शोभा यात्रा में शामिल महिलाओं और पुरुषों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर सरहुल की बधाई दी. इस मौके पर कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने मुंडारी में खास अंदाज में गीत गाकर लोगों को सरहुल की बधाई दी. मेयर आशा लकड़ा ने सरहुल की विशेषता बताते हुए लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि सरहुल आदिवासी संस्कृति सभ्यता का प्रतीक पर्व है, जो लोगों को ना केवल आपसी भाईचारा, बल्कि प्रकृति को कैसे बचाकर रखा जाय इसका भी पैगाम देता है.

देखें पूरी खबर


सरहुल के मौके पर लंबी दूरी तय कर राजधानी की सड़कों पर आने वाले आदिवासी भाई-बहनों की सेवा करने के लिए कई सामाजिक कार्यकर्ता आतुर दिखे. कैंप लगाकर कई मुस्लिम संगठनों ने भी पानी, शरबत और चना का वितरण करते नजर आए. सामाजिक कार्यकर्ता जुलूस में शामिल एक-एक लोगों को ठंडा पानी और शरबत की सुविधा उपलब्ध करवाते दिखे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details