रांची: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के कारण कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है. डीसी छवि रंजन के नेतृत्व में कोरोना के संक्रमण चेन को तोड़ने के लिए एक ओर जहां रांची जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर संक्रमित मरीजों के बेहतर इलाज के लिए नित नए कोविड केयर हॉस्पिटल तैयार किए जा रहे हैं और अस्पतालों में बेड की संख्या में भी वृद्धि की जा रही है.
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इन सबके बीच कई ऐसे चिकित्सक और पदाधिकारी भी हैं, जिनकी ड्यूटी इन कोविड केयर अस्पतालों में लगाई तो जा रही है लेकिन वह अपने प्रतिनियुक्ति कार्यस्थल से अनुपस्थित पाए जा रहे हैं. कुछ पदाधिकारी और चिकित्सक के ऐसा करने से सेवा संहिता के नियमों का घोर उल्लंघन हो रहा है. ये लोग कोरोना काल में मानव जीवन के रक्षार्थ अपने कार्य और दायित्व के निर्वहन से भी मुंह मोड़ ले रहे हैं, जो बेहद शर्मनाक है.
डीएमओ अपने ड्यूटी से गायब हैं
रांची जिला के जिला खनन पदाधिकारी सत्यजीत कुमार की ड्यूटी कोविड केयर हॉस्पिटल, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रिसलदार बाबा, डोरंडा में इनसिडेंट कमांडर के रूप में लगाई गई है, लेकिन वह अपने फर्ज को पूरा नहीं कर रहे हैं और लगातार अनुपस्थित रह रहे हैं. उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. यह कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है.
इस बाबत डीसी छवि रंजन ने शुक्रवार को डीएमओ को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया है. संतोषजनक उत्तर आने तक वेतन स्थगित किया गया है. साथ ही साथ अगर उनका उत्तर असंतोषजनक पाया जाता है तो उनके ऊपर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56 और दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी.
सबका सहयोग अनिवार्य
डीसी ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए सभी का सहयोग अनिवार्य है. सभी पदाधिकारी, चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी अपने-अपने कार्यों और दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे, तभी इस आपदा से हम मुकाबला करने में सक्षम हो पाएंगे. कोरोना पैनडेमिक की रोकथाम हम सबकी जिम्मेदारी है.