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वेंटिलेटर पर RIMS का 'सिस्टम', मरीज को खाना के लिए तरसाया, भूख से तड़पते मरीज ने जिंदा कबूतर को बनाया निवाला - मरीज ने खाया पक्षी

झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में शर्म को भी शर्मिंदा करने वाला मामला सामने आया. जिसमें ऑर्थोपेडिक वार्ड के कॉरीडोर में एक भूख से बेबस मरीज ने अपनी भूख मिटाने के लिए जिंदा कबूतर को मारकर अपना निवाला बनाया.

Sham on system of rims, रिम्स
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Published : Jan 9, 2020, 9:45 PM IST

रांची: रिम्स में एक महिला मरीज ने अपनी भूख मिटाने के लिए पक्षी को मारकर अपना निवाला बनाया. बुधवार को ऑर्थोपेडिक विभाग के सामने एक लावारिस विक्षिप्त महिला मरीज को अस्पताल प्रबंधन की ओर से खाना नहीं मिला. जिसके बाद उसने जिंदा कबूतर को मारकर खाया.

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डॉक्टर एसोसिएशन घटना से दुखी
रिम्स में लावारिस मरीज के जिंदा पक्षी खाने के मामले को लेकर प्रबंधन ने संज्ञान ले लिया है. इसको लेकर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजीत बताते हैं कि पिछले दिनों जो भी घटना हुई है, वह निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है. इसीलिए हम लोगों ने रिम्स के निदेशक से कहकर यह निर्णय लिया है कि ऐसे मरीजों के लिए एक नोडल ऑफिस और फूड बैंक का निर्माण किया जाए ताकि ऐसे लोगों का समुचित व्यवस्था हो सके.

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आम लोगों से भी मदद की अपील
घटना की निंदा करते हुए सुधीर झा बताते हैं कि ऐसे मरीजों को लेकर प्रबंधन को निश्चित रूप से संज्ञान लेना चाहिए. वहीं उन्होंने आम लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को कहीं भी देखने के बाद तुरंत मदद करने के लिए आगे आना चाहिए. वहीं विक्की कुमार और रसूल गिरी ने बताया कि जिस प्रकार पिछले दिनों रिम्स में एक लावारिस मरीज ने जिंदा पक्षी को खाया है इससे यह स्पष्ट होता है कि आज भी प्रबंधन लापरवाह है. बता दें कि लावारिस मरीज के जिंदा पक्षी खाने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रबंधन ने संज्ञान लेते हुए उस मरीज को रिनपास में भर्ती कराने के लिए रिम्स से भेजा.

सामाजिक संस्थानों पर भी उठे सवाल
इधर, घटना के बाद सामाजिक संस्थानों पर भी कई सवाल उठ रहे हैं मामले को लेकर कई बातें सामने आ रही हैं. इस घटना के जिम्मेदार सिर्फ रिम्स प्रबंधन ही नहीं बल्कि सामाजिक संस्थाएं भी हैं जो लावारिस मरीज को आश्रम और विक्षिप्त को रिनपास ले जाने के बजाय रिम्स में लाकर छोड़ देते हैं.

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