रांची: राज्य के प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा में एक ऐसी महिला विधायक है, जो अपने पति की योग्यता साबित करने के लिए विधानसभा की सदस्य बनीं और अब अपने 3 महीने के बेटे को लेकर हर दिन विधानसभा आतीं हैं. वह सिल्ली विधानसभा से उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्य बनी हैं.
मां और विधायक होने का दायित्व एक साथ निभाती सीमा देवी बता दें कि सीमा देवी के पति को एक मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अपनी विधानसभा की सदस्यता खोनी पड़ी थी. उसके बाद सीमा देवी रण में उतरी और 2018 में सिल्ली विधानसभा के हुए उपचुनाव में उन्होंने आजसू प्रमुख सुदेश महतो को 13 हजार से अधिक वोटों से मात दी.
3 महीने पहले सीमा महतो के घर में बेटे ने जन्म लिया और अब सीमा देवी एक महिला की मदद से अपने बेटे के साथ विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेतीं हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में झामुमो विधायक ने बताया कि हालांकि यह एक कठिन काम है. मैं मां और विधायक की भूमिका में संतुलन बना कर चलने की कोशिश करती हूं. इस काम में उनके पति और परिवार काफी मदद करते हैं.
उन्होंने कहा कि खुद को बेटे से ज्यादा दूर रखना काफी मुश्किल है. लेकिन, जनता के प्रति उनका किया गया कमिटमेंट भी जरूरी है. यही वजह है कि वह एक मां होने के साथ अपने इलाके के विधायक होने के दायित्व को निभाने की कोशिश करतीं हैं.