रांची: झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायक दल का नेता और नेता प्रतिपक्ष को लेकर बनी संशय की स्थिति के बीच पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि सदन में अशोभनीय स्थिति हो गई है. सोमवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन पत्रकारों से बात करते हुए राय ने कहा कि बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन की कार्यवाही होना अशोभनीय स्थिति जैसी है.
सरयू राय ने कहा कि स्पीकर तटस्थ हैं और वह संविधान के हिसाब से ही काम करेंगे. उन्होंने कहा कि संविधान के हालिया संशोधन के बाद दसवीं अनुसूची जोड़ी गई है. इसके मुताबिक किसी भी राजनीतिक दल का विलय तब ही मान्य होगा जब विधानमंडल दल के दो तिहाई सदस्यों की सहमति हो. इसमें किसी तरह का कोई किंतु-परंतु नहीं है.
बाबूलाल को बीजेपी में कराया गया शामिल
उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि जल्दबाजी में बाबूलाल मरांडी को बीजेपी में शामिल कराया गया. जब ऐसा लगा कि उनके दो तिहाई सदस्य नहीं आएंगे तब ऐसी हालत में बाबूलाल मरांडी से त्यागपत्र दिलवा देना चाहिए था, उसके बाद उन्हें चुनाव लड़ा लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मामला स्पीकर के ऊपर है. अब देखना है कि क्या निर्णय लेते हैं. उन्होंने कहा कि कानूनी सलाह लेने की औपचारिकता भी स्पीकर पूरा करेंगे और इसमें कुछ समय लगेगा. ऐसी स्थिति में विपक्षी दल बिना किसी नेता के रहे यह ठीक नहीं लगता है.