रांची: झारखंड विधानसभा में मंगलवार को झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड का कारनामा छाया रहा. भोजनावकाश से पूर्व सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक सरयू राय ने झारखंड प्रदूषण बोर्ड द्वारा एनजीटी के आदेश का हवाला देकर थोक के भाव से पत्थर खदानों और क्रशर के कंसेंट टू ऑपरेट को खत्म कर धीरे धीरे उनकी मान्यता पुर्नबहाल किए जाने का मुद्दा उठाया. इसका समर्थन भाजपा और आजसू के विधायकों ने भी किया.
झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. सदन के अंदर निर्दलीय विधायक सरयू राय के अलावा भाजपा, आजसू के विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे. ऐसा पहली बार हुआ जब सरयू राय को बेल में आना पड़ा. हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस दौरान स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलाने के लिए अपने कक्ष में बैठक की, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, सरयू राय, अनंत ओझा सहित कई विधायक उपस्थित थे.
बैठक के बाद दोपहर 12.30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने इस मुद्दे पर नियमन दिया, उन्होंने विधायक सरयू राय और विभागीय मंत्री को बैठक कर इसका समाधान निकालने की बात कही. स्पीकर के इस घोषणा पर सरयू राय ने सवाल खड़े किए उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री भी मौजूद होते.