रांची: सरना समिति कांके क्षेत्र की बैठक में सरहुल पूर्व नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम को स्थगित करने का फैसला लिया गया है. सरना मैदान कांके में अध्यक्ष रंजीत टोप्पो की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया. जबकि सरहुल की शोभा यात्रा 4 अप्रैल को निकाली जाएगी. सरना समिति कांके क्षेत्र की बैठक में कमेटी के संरक्षक, पाहन व गणमान्य लोग उपस्थित हुए.
सरहुल पूर्व नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित, 4 अप्रैल को निकलेगी सरहुल शोभा यात्रा - रांची की खबर
रांची में सरना समिति कांके क्षेत्र की बैठक में सरहुल पूर्व नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है. सरहुल की शोभा यात्रा 4 अप्रैल को निकाली जाएगी. शोभा यात्रा में 102 गांव के खोड़हा पारंपरिक परिधान में शामिल होंगे.
![सरहुल पूर्व नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित, 4 अप्रैल को निकलेगी सरहुल शोभा यात्रा Sarhul East Nagpuri cultural programme](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-14913814-591-14913814-1648949848247.jpg)
ये भी पढ़ें- सरहुल और रामनवमी जुलूस को लेकर राज्य सरकार ने जारी की गाइडलाइन
सरकार की गाइडलाइन का पालन:अध्यक्ष रंजीत टोप्पो ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार झारखंड स्तरीय सरहुल पूर्व संध्या नागपुरी सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही 4 अप्रैल को सरहुल पूजा के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. इस अवसर पर क्षेत्र के 102 गांव के खोड़हा पारंपरिक परिधान में सरना मैदान कांके पहुंचेंगे. बैठक में सचिव विनोद सांगा, कोषाध्यक्ष देवा उरांव, संरक्षक हेमंत खलखो, एतवा गाड़ी, महादेव उरांव, डाॅ. बसंत उरांव, फुलमणी उरांव, सुरज टोप्पो,मुकेष मुंडा, मोहन उरांव, राजू सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे.
पारंपरिक साड़ी का वितरण:आदिवासी जन परिषद कार्यालय में समाजसेवी अर्चना मिर्धा के द्वारा प्रकृति महापर्व सरहुल पूजा के अवसर पर करमटोली, सरना टोली, सिंदवार टोली, मोरहाबादी, सरईटांड़ के 300 महिलाओं को पारंपरिक साड़ी वितरण किया गया. अर्चना मिर्धा ने कहा की आदिवासी समाज मे लाल पाड़ साड़ी का बहुत महत्व है इसलिए प्रकृति महापर्व सरहुल पूजा के उपलक्ष्य पर साड़ी का वितरण किया गया ताकि आदिवासी समाज के महिलाएं अपनी पारंपरिक परिधान पहन कर सरहुल शोभायात्रा में शामिल हो सके. वितरण कार्यक्रम में मुख्य रूप से आदिवासी जन परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा, प्रधान महासचिव अभय भूट कुंवर, अनिल उरांव, साबित देवी, नीलू देवी, शकुंतला उरांव, संगीत टोप्पो सहित अन्य उपस्थित थे.