रांचीः 22 साल पुराने अलकतरा घोटाला मामले में 22 फरवरी को फैसला आ जाएगा. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने 19 फरवरी को अभियोजन और बचाव की ओर से दलील सुनने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की है. 1. 57 करोड़ रुपए की इस अलकतरा घोटाले में बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री मो. इलियास हुसैन सहित सात आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं.
अलकतरा घोटाले में 22 फरवरी को आएगा फैसला पूर्व मंत्री मो. इलियास हुसैन सहित उनके सचिव सहाबुद्दीन बेक, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुर्तजा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा और ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डीएन सिंह शामिल हैं.
मामले में 18 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें सात आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं. जबकि ट्रायल के दौरान ही 8 आरोपियों का निधन हो चुका है. इसके अलावे सीबीआई ने अपने अनुसंधान के दौरान तीन लोगों को सरकारी गवाह भी बनाया.
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अवैध तरीके से बेचा गया था 3266 मीट्रिक टन अलकतरा
वर्ष 1994 से 1996 के बीच 3266 मीट्रिक टन अलकतरा घोटाले को लेकर सीबीआई ने 20 मार्च 1997 को अलग-अलग पांच प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें से ये मामला प्राथमिकी कांड संख्या 2/97 से संबंधित है. इसमें आरोप था कि वर्ष 1994 में आरसीडी रोड डिवीजन चतरा के तहत सड़कों का निर्माण किया जाना था. जिसके लिए हल्दिया ऑयल रिफायनरी कोलकाता से अलकतरा आना था लेकिन मंत्री और इंजीनियरों ने कंपनी से मिलीभगत से करोड़ों रुपये का अलकतरा का घोटला किया गया. सीबीआई की जांच में पता चला कि 3266 मीट्रिक टन अलकतरा अवैध तरीके से बेच दिया गया है. जिसकी कीमत लगभग 1.57 करोड़ बताई गई है.
पटना हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई कर रही है जांच
अलकतरा घोटाला मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 1997 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इसके बाद उक्त आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की थी. घटना झारखंड से जुड़े होने के कारण झारखंड की सीबीआई टीम ने इसकी जांच की है. अदालत में चार्जशीट कर आरोप का गठन किया गया है. जिसके बाद सुनवाई पूरी कर फैसले की तारीख तय की गई है.