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समाज को नई राह दिखा रही रांची की रुही, कभी पैसे-पैसे के लिए थी मोहताज आज कमा रही हैं लाखों

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Published : Apr 17, 2022, 10:52 AM IST

Updated : Apr 17, 2022, 5:18 PM IST

रांची की रहने वाली रुही कुमारी अपनी मेहनत और हुनर के बल पर लोगों के लिए प्रेरणा बन गईं हैं. उन्होंने दिखाया कि कैसे संकटों के समय धैर्य और खुद पर विश्वास पर रखकर मुश्किलों को हराया जा सकता है. कभी आर्थिक रूप से परेशान रुही आज लाखों कमाकर नई राह दिखा रही है.

roohi-kumari
cakes in ranchi

रांची: कहते हैं यदि आपमें जज्बा और जुनून के साथ मेहनत करने की क्षमता हो तो कोई भी मुश्किलें राह नहीं रोक सकती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया रांची के रुही कुमारी ने. लॉकडाउन में नौकरी खोने के बाद आर्थिक तंगी से परेशान रूही ने अपने शौक को ही अपना पेशा बना लिया और आज वे कामयाबी की कहानी लिख रही हैं.

सफल रहा करियर:रांची में अंग्रेजी मीडियम से मैट्रिक और इंटर करने के बाद बीआईटी मेसरा से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करने वाली रुही दिल्ली के कई बड़े फाइव स्टार होटलों में काम कर चुकी हैं. करीब 3 साल तक फाइव स्टार होटलों में सेवा देने के बाद उन्हें बड़े-बड़े समुद्री जहाजों पर काम करने का मौका मिला जिस दौरान वे कई देशों की यात्रा कर चुकी हैं. अपने यात्रा के दौरान रुही ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों के लजीज व्यंजनों का पकाना सीखा. जिसे आज वे मिनटों में बना सकती हैं.

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लॉकडॉउन में गई नौकरी: रुही बताती हैं कि कोरोना और उसके बाद लॉकडॉउन ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी. मजबूरी में उन्हें घर वापस लौटना पड़ा और करीब 2 साल तक वह बिना नौकरी के ही घर में बैठी रही. 2 साल घर में बैठने के बाद रुही के सारे पैसे खर्च हो चुके थे. मुकदमों के कारण पिता की भी नौकरी चली गई थी. पूरा परिवार आर्थिक संकट में फंस गया था.

पीएम से मिली प्रेरणा:रुही के मुताबिक पीएम के आत्मनिर्भर भारत योजना से उन्हें काफी प्रेरणा मिली. इसी को देखते हुए उन्होंने भी यह प्रण लिया कि अब वह घर में ही बैठकर खुद का व्यवसाय करेगी ताकि वह अपने शौक को खुद के दम पर पूरा कर सके. अब खाना बनाने का शौक और विदेशों में सीखा गया हुनर काफी काम आ रहा है.

केक के व्यवसाय में हुई सफल: अपने हुनर के बल पर रुही ने केक का व्यवसाय शुरू किया. उनके इस व्यवसाय ने धीरे धीरे गति पकड़ ली है. अब अपने इस हुनर के बल पर रुही लाखों रुपये कमा रही हैं. सिर्फ देश में ही नहीं विदेशों में भी उनके केक की डिमांड है. रुही की इस सफलता पर उनके माता पिता भी फूले नहीं समा रहे हैं.

बेटी ने दिया सहारा: रुही के पिता बाबू सिंह कहते हैं मुकदमों के कारण नौकरी से हाथ धोना पड़ा. जिसके बाद उनकी बेटी रुही ने बेटे की तरह कदम से कदम मिलाकर उनका साथ दिया. वहीं मां बबिता सिंह कहती हैं कि उन्हें अपने बेटियों पर काफी भरोसा था जो सही साबित हुआ. मुश्किल समय को हराकर कामयाबी की शिखर चढ़ने वाली रुही की आज सभी तरफ प्रशंसा हो रही है. समाजसेवी अंजली कुमारी बताती है कि इतने कम उम्र में रुही ने जिस प्रकार से अपना व्यापार शुरू किया और सफल हुई ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि व्यक्ति से संस्था है ना कि संस्था से व्यक्ति. उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि रुही जैसे युवाओं को सरकारी स्तर पर मदद मिलनी चाहिए ताकि झारखंड की सैंकड़ों बेटियां अपनी हुनर पहचान सके.

Last Updated : Apr 17, 2022, 5:18 PM IST

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