रांची:आपराधिक केस को शपथ पत्र में छिपाने के आरोप में फंसे रांची नगर निगम के वार्ड संख्या 39 के पार्षद वेद प्रकाश सिंह को अयोग्य करार देते हुए पदमुक्त कर दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर नगर विकास विभाग ने कारवाई करते हुए पत्र जारी कर दिया है.
वेद प्रकाश सिंह वार्ड नंबर 39 के पार्षद चुने गए थे, इनपर वर्ष 2018 में नगर निकाय चुनाव के दौरान गलत शपथ पत्र देकर चुनाव लड़ने का आरोप था. वेद प्रकाश सिंह ने नामांकन के वक्त शपथ पत्र में आपराधिक केस सहित कई तथ्यों का जिक्र नहीं किया था. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के सामने अभिषेक कुमार ने लिखित शिकायत दर्ज की थी. शिकायतकर्ता ने कहा था कि 2018 के निर्वाचन के समय गलत शपथ पत्र के आधार पर वेद प्रकाश सिंह रांची नगर निगम में वार्ड पार्षद के पद पर निर्वाचित हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने अपनी चल अचल संपत्ति, न्यायालय में लंबित आपराधिक केस के संबंध में भी गलत शपथ पत्र दिया है.
रांची नगर निगम के वार्ड पार्षद वेद प्रकाश अयोग्य घोषित, चुनाव के वक्त गलत शपथ पत्र देना पड़ा महंगा
रांची नगर निगम क्षेत्र के वार्ड-39 के पार्षद वेद प्रकाश सिंह को पद मुक्त कर दिया गया है. इस बाबत नगर विकास सचिव विनय चौबे ने अधिसूचना जारी कर दी है. वेद प्रकाश पर नामांकन में तथ्य छिपाने का आरोप था.
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लिखित शिकायत मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड नगरपालिका निर्वाचित प्रतिनिधि नियमावली 2020 के प्रावधानों के तहत वेद प्रकाश सिंह के खिलाफ जांच की गई. रिपोर्ट में वेद प्रकाश सिंह के खिलाफ रांची के धुर्वा थाने में केस का संज्ञान लिया गया जिसमे वे 09.12.2016 को जमानत पर रिहा किए गए थे. इन तथ्यों को शपथ पत्र में छिपाया गया था. जिसके बाद जांच पदाधिकारी ने वेद प्रकाश सिंह को रांची नगर निगम के वार्ड पार्षद के पद से मुक्त करने की अनुशंसा की थी. नगर विकास विभाग ने इस अनुशंसा के आधार पर वेद प्रकाश सिंह को अयोग्य घोषित करते हुए पद मुक्त कर दिया है.